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जानें जयपुर के प्रसिद्व मोती डूंगरी गणेश मंदिर के बारे में…

राजस्थान न्यूज डेस्क !!! हिंदुस्तान में स्थित सबसे पवित्र और मशहूर गणेश मंदिर का जिक्र होता है तो सिद्धिविनायक मंदिर का नाम जरूर लिया जाता है, लेकिन सिद्धिविनायक के अतिरिक्त राष्ट्र के अन्य हिस्सों में भी कई विश्व मशहूर गणेश मंदिर हैं. मोती डूंगरी गणेश मंदिर का इतिहास लगभग 400 साल पुराना माना जाता है. बोला जाता है कि इस पवित्र और लोकप्रिय मंदिर का निर्माण 1761 के आसपास सेठ जय राम पल्लीवाल की देखरेख में हुआ था.

मोती डूंगरी गणेश मंदिर के संबंध में यह भी माना जाता है कि इसका निर्माण राजस्थान के उत्तम पत्थर से लगभग 4 महीने के भीतर पूरा किया गया था. इस मंदिर की वास्तुकला भी भक्तों को खूब आकर्षित करती है. मोती डूंगरी गणेश मंदिर की कहानी बहुत दिलचस्प है. कथा के मुताबिक बोला जाता है कि राजा गणेश प्रतिमा लेकर बैलगाड़ी से यात्रा करके लौट रहे थे, लेकिन शर्त थी कि बैलगाड़ी जहां भी रुकेगी, उसी जगह पर गणेश मंदिर बनवाया जाएगा.

कहानी के मुताबिक ट्रेन डूंगरी पहाड़ी के नीचे रुकी सेठ जय राम पल्लीवाल ने उस जगह पर एक मंदिर बनाने का निर्णय किया जहां कार रुकी थी. मोती डूंगरी गणेश मंदिर बहुत खास है. यह जयपुर के साथ-साथ पूरे राजस्थान के सबसे बड़े गणेश मंदिरों में से एक है. इस पवित्र मंदिर में रोजाना हजारों श्रद्धालु आते हैं.

गणेश चतुर्थी के खास मौके पर प्रत्येक दिन लाखों श्रद्धालु आते हैं बोला जाता है कि प्रत्येक बुधवार को मंदिर परिवार में एक बड़ा मेला लगता है और इसी दिन सबसे अधिक श्रद्धालु पहुंचते हैं. मंदिर परिसर में एक शिवलिंग भी स्थापित है. इसके अतिरिक्त लक्ष्मी-नारायण की मूर्ति भी स्थापित की जाती है.

मोती डूंगरी गणेश मंदिर में हर समय भक्तों का आगमन लगा रहता है. आप प्रतिदिन सुबह 5 बजे से दोपहर 1:30 बजे तक मंदिर के दर्शन कर सकते हैं. इसके बाद आप शाम 4:30 बजे से रात 9 बजे के बीच यात्रा कर सकते हैं. आपकी जानकारी के लिए बता दे कि मंदिर में जाने के लिए कोई प्रवेश शुल्क नहीं है इसके अतिरिक्त आपको यह भी बता दें कि गणेश चतुर्थी के मौके पर यहां आना खास माना जाता है.

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