लाइफ स्टाइल

चटपटे स्वाद के लिए मशहूर है यहां के गोलगप्पे

चटपटे गोलगप्पे का नाम सुन कर हर किसी के मुंह से पानी आने लगता है पहले बोला जाता था कि गोलगप्पे सबसे अधिक लड़कियां खाती हैं, लेकिन आज के समय में नुक्कड़ों और चौक-चौराहों पर क्या लड़की क्या लड़के सभी बड़े चाव के साथ गोलगप्पे खाते दिख जाते हैं वर्तमान समय में जो गोलगप्पे बेहतर ढंग से खिलाते हैं, वहां लोगों की भीड़ खुद-ब-खुद पहुंच जाता है लोग बड़े चाव के साथ गोलगप्पे का स्वाद लेते हैं साथ ही आखिर में सूखी पापड़ी मांग कर खाना लोगों को बड़ा ही आन्दित करता है बक्सर के आम्बेडकर चौक के पास “गोलगप्पा लभ” के ठेला लगता है, वहां दिन भर लोगों की भीड़ लगी रहती है

गोलगप्पे के साथ दही पापड़ी भी लोग करते हैं पसंद
राहुल बताते हैं कि सारा सामान घर से बना कर लाते हैं गोलगप्पा इस प्रकार तैयार करते हैं कि खाने में क्रंची लगता है इतना ही नहीं स्टॉल के पास साफ- सफाई का पूरा ध्यान रखा जाता है यही वजह से लोग यहां आकर खाना पसंद करते हैं गोलगप्पे का जो पानी होता हो वो कई प्रकार के सामग्री को मिलाकर बनाया जाता है गोलगप्पे के साथ पुदीना की चटनी, इमली की चटनी, दही, छोला सबकुछ मिलाकर दिया जाता है सभी आइटम को रखने के लिए भिन्न-भिन्न पात्र में रखते हैं यहां लोग गोलगप्पे के साथ-साथ दही पापड़ी भी खूब खाते हैं

रोजाना तीन से चार हजार का हो जाता है से सेल
राहुल ने कहा कि करीब दस वर्ष से इसी स्थान पर गोलगप्पे की दुकान लगा रहें है दुकान अब पूरी तरह से जम गई है यहां गोलगप्पा खाने के लिए लोग दूर- दूर से आते हैं 10 रुपए में 5 पीस गोलगप्पे खिलाते हैं उन्होंने कहा कि प्रारम्भ से ही बिजनेस करने का शौक था तो स्वयं का ही बिजनेस प्रारम्भ कर लिया राहुल का मानना है कि कोई भी काम खराब नहीं होता है

अगर उसे पूरी निष्ठा और मेहनत से की जाए तो अच्छा-खासा पैसा कमा सकते हैं लोग यहां से बाहर जाकर बिजनेस करते हैं, लेकिन मैने यहीं बक्सर में रह कर अपना गोलगप्पे का बिजनेस प्रारम्भ किया एक दिन में तीन से चार हजार रुपया कमा लेते हैं जिसमें 1500 से 2000 रुपया का फायदा हो जाता है शादी- शादी के सीजन में यहां के गोलगप्पे की डिमांड बढ़ जाती है

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