कब शुरू होगी अमरनाथ यात्रा, जानें यहां….
अमरनाथ यात्रा वास्तव में एक चुनौतीपूर्ण यात्रा है, भक्त हर वर्ष इसके प्रारम्भ होने का बेसब्री से प्रतीक्षा करते हैं. ठंड के मौसम और बारिश जैसी विभिन्न कठिनाइयों का सामना करने के बावजूद, भक्त अभी भी बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए उत्साहपूर्वक यात्रा करते हैं.
सावन के महीने में अमरनाथ यात्रा का महत्व काफी बढ़ जाता है. इस महीने में भक्त बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए यात्रा पर निकलते हैं. समुद्र तल से 3800 मीटर की ऊंचाई पर स्थित अमरनाथ गुफा में प्राकृतिक रूप से ईश्वर शिव का बर्फ का लिंग बनता है. इसलिए इसे बाबा बर्फानी के नाम से जाना जाता है.
अमरनाथ यात्रा कब तक चलती है?
इस साल के लिए अमरनाथ यात्रा 29 जून को प्रारम्भ होने वाली है और 19 अगस्त को खत्म होने वाली है. चुनाव कारणों से, तीर्थयात्रा की अवधि सामान्य दो महीनों के बजाय 45 दिन कर दी गई है. यात्रा के लिए पंजीकरण 15 अप्रैल से प्रारम्भ होगा.
ऐसा माना जाता है कि यह तीर्थयात्रा आध्यात्मिक फायदा प्रदान करती है, बाबा बर्फानी की पवित्र गुफा के सच्चे दर्शन से भक्तों को मोक्ष मिलता है. ऐसा बोला जाता है कि इस पवित्र जगह की तीर्थयात्रा 23 अन्य पवित्र स्थानों की यात्रा से प्राप्त पुण्य के बराबर है. शास्त्रों के मुताबिक यहां पर शिव लिंग की पूजा करने से जो पुण्य मिलता है, वह काशी, प्रयाग और नैमिषारण्य की यात्रा से मिलने वाले पुण्य से भी अधिक है.
किंवदंती है कि ईश्वर शिव ने इसी गुफा में देवी पार्वती को अमरता का रहस्य कहा था, लेकिन वह बीच में ही सो गईं. पवित्र अमरनाथ गुफा में हर वर्ष प्राकृतिक रूप से बर्फ का शिवलिंग बनता है, जहां पूजा होती है. मान्यता है कि बाबा अमरनाथ की पूजा करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और उनके कष्ट दूर हो जाते हैं.
अमरनाथ गुफा में शिवलिंग की अनूठी खासियत इसकी स्वयं निर्मित प्रकृति है, ऐसा माना जाता है कि यह चंद्रमा के चरणों के साथ आकार बदलता है. ठोस बर्फ से निर्मित, गुफा में शिवलिंग स्टैलेग्माइट के रूप में दिखाई देता है. हर वर्ष पूरे विश्व से श्रद्धालु कड़ी सुरक्षा प्रबंध के बीच इस चमत्कारी लिंगम के दर्शन के लिए अमरनाथ यात्रा पर आते हैं.
कुल मिलाकर, अमरनाथ यात्रा अत्यधिक आध्यात्मिक महत्व रखती है और भक्तों को बाबा बर्फानी से आशीर्वाद लेने और उनकी इच्छाओं की पूर्ति के लिए आकर्षित करती है.