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आलू वाली कचौड़ी ने इस शहर में मचाई धूम, एक दिन में 4 लाख की ब्रिक्री

वैसे तो देशभर में कचौड़ी मिलना आम बात है लेकिन अलवर शहर में मिल रही कचौड़ी पूरे राष्ट्र में अपने आप में एक अलग स्वाद देती है इसका कारण है कि अलवर की कचौड़ी के साथ मिलने वाली कढ़ी को अलग तरह से तैयार किया जाता है इस कढ़ी में आलू डालकर इसे तैयार किया जाता है जिस कारण यह कचौड़ी के साथ मिलकर लोगों को जबरदस्त स्वाद देती है अलवर वासियों की सुबह की आरंभ इसी कचौड़ी से होती है ऐसा भी बोला जाता है यदि कोई पर्यटक अलवर घूमने आ रहा है और उसने अलवर की कचौड़ी का स्वाद नहीं लिया तो फिर अलवर का स्वाद क्या लिया

अलवर के अशोक टॉकीज पर कचौड़ी की दुकान लगाने वाले सुभाष ने कहा अलवर में कचौड़ी 1962 से मिल रही है अलवर वासियों के बीच इसका नाम मथुरा कचौड़ी के नाम से फेमस है अलवर में मथुरा कचौड़ी के नाम से चार दुकान लगती है यह अलवर में बहुत पहले से चली आ रहे हैं अलवर की कचौड़ी अपनी कढ़ी के लिए प्रसिद्ध है इसका कारण है कि अलवर में मिलने वाली कढ़ी में आलू डालकर इसे तैयार किया जाता है इस कारण इसका स्वाद अलग ही रहता है लोग कढ़ी के स्वाद के साथ तीन से चार कचौड़ी एक साथ में खड़े-खड़े खा जाते हैं सुभाष ने कहा कि जब इस कचौड़ी की आरंभ हुई थी तो 25 पैसे में दो कचौड़ी मिलती थी लेकिन आज महंगाई के साथ कचौड़ी के मूल्य भी बढ़ गए हैं आज 15 रुपये की एक कचौड़ी यहां पर मिलती है इसे यदि यह कहे की यह अलवर वासियों का नाश्ता है तो यह कहना गलत नहीं होगा

अलवर में बिक जाती है 4 लाख कचौड़ी 
अलवरवासियों का नाश्ता कहीं जाने वाली मथुरा कचौड़ी के नाम से मशहूर कचोड़ी एक दिन में करीब चार लाख के आंकड़े को खपत की संख्या को पाल कर जाती है इसका कारण यह है कि अलवर की आलू वाली कड़ी को स्पेशल मसाले के साथ तैयार किया जाता है साथ ही कुछ ऐसे मसाले होते हैं जो दुकानदारों के अपने ही बनाए हुए होते हैं इस कारण लोगों को कचौड़ी में स्वाद आता है और स्वाद के कारण ही लोग कचौड़ी दुकान पर जाकर तो खाते ही है, साथ ही घर भी लेकर जाते हैं मथुरा कचौड़ी का हर वर्ग दीवाना है, इसमें बच्चे, युवा, बुजुर्ग और महिलाएं भी शामिल है सभी लोग इस कचौड़ी को बड़े चाव से खाते हैं

लोगों का क्या है कहना
अगर शहर में दिल्ली से आए आदित्य ने कहा कि कचौड़ियां तो बहुत स्थान खाई है, लेकिन अलवर की कचौड़ी का स्वाद अलग ही है इसका कारण भी यहां पर मिलने वाली कढ़ी का है हम यहां दो दिन के लिए घूमने आए लेकिन जब हम सुबह घूमने के लिए निकले तो दुकान पर भीड़ देखकर रुक गए और हमारा भी मन कचौड़ी खाने का हुआ सच में यह कचोड़ी लाजवाब है अलवर की कचौड़ी का टेस्ट अपने आप में बेहतरीन है बाहर से आने वाले लोगों को इस कचौड़ी का स्वाद जरूर लेना चाहिए

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