MP Election: इस विधानसभा सीट के सियासी गणित को समझिए….
Mandla Bichiya Vidhan Sabha Seat Analysis: मध्य प्रदेश में कुछ ही दिनों में विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं। बीजेपी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर आदिवासी वोटो पर बहुत अधिक फोकस कर रही है। मंडला जिले की बिछिया विधानसभा की बात करें तो यह आदिवासी समुदाय के लिए रिजर्व हैं और यहां पर पिछले बार भाजपा को हार मिली थी। अब यहां पर वापसी करने के इरादे से विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी के कई महीने पहले ही अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया है तो चलिए इस विधानसभा सीट के राजनीतिक गणित को समझते हैं।
वर्तमान स्थिति
बता दें कि बिछिया विधानसभा से अभी कांग्रेस पार्टी के विधायक नारायण सिंह पट्टा है। वहीं, पहली सूची में भाजपा ने अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया है। हालांकि, इस सीट पर घोषित प्रत्याशी विजय आनंद मरावी को कई लोगों द्वारा हेलीकॉप्टर प्रत्याशी कहा जा रहा है।
2018
2018 के चुनाव में, कांग्रेस पार्टी के नारायण सिंह पट्टा ने बीजेपी के डाक्टर शिवराज शाह “शिव भैया” को 11 फीसदी के जरूरी अंतर से हराया। नारायण सिंह पट्टा को कुल वोटों में से 41.00% वोट मिले, जबकि शिवराज शाह को 29.00% वोट मिले थे।
2013
2013 में, बीजेपी के पंडित सिंह धुर्वे ,कांग्रेस के नारायण सिंह पट्टा से 11 फीसदी अधिक वोट हासिल करके विजयी हुए। पंडित सिंह धुर्वे को कुल वोटों में से 41% वोट मिले, जबकि नारायण सिंह पट्टा को 29% वोट मिले।
2008
2008 के चुनाव में, कांग्रेस पार्टी (भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस) के नारायण सिंह पट्टा ने 5,170 वोटों की बढ़त के साथ बिछिया सीट जीती। उन्हें कुल वोटों में से 34% वोट मिले, जबकि भाजपा के पंडित सिंह धुर्वे को 30% वोट मिले।
सीट का इतिहास
मध्य प्रदेश के मंडला जिले की बिछिया विधान सीट पर कांग्रेस पार्टी और बीजेपी के बीच ऐतिहासिक रस्साकशी देखी गई है। 1957 से 1985 तक कांग्रेस पार्टी का दबदबा रहा। 1990 में भाजपा उभरी, 2003 तक दबदबा बनाए रखा।कांग्रेस ने 2008 और 2018 में वापसी की,हालांकि, भाजपा ने 2013 में सीट हासिल की थी। वर्तमान में इस सीट पर कांग्रेस पार्टी का विधायक है।
विधान सभा के सदस्य
बरेदी भोई पट्टा- 1957 (कांग्रेस)
शंकरलाल – 1962 (आरआरपी)
दरबारी सिंह – 1967 (कांग्रेस)
दरबारी सिंह – 1972 (कांग्रेस)
मांगीलाल – 1977 (जेएनपी)
माणिक लाल परेती – 1980 (कांग्रेस(आई))
माणिक लाल परेती – 1985 (कांग्रेस)
रूप सिंह – 1990 (भाजपा)
झल्लू राम ताकाम – 1993 (भाजपा)
तुलसीराम धुमकेती – 1998 (कांग्रेस)
पंडित सिंह धुर्वे – 2003 (भाजपा)
नारायण सिंह पट्टा – 2008 (कांग्रेस)
पंडित सिंह धुर्वे – 2013 (भाजपा)
नारायण सिंह पट्टा – 2018 (कांग्रेस)
गोंडवाना गणतंत्र पार्टी का भी प्रभाव
पिछले चुनावों में इस सीट पर गोंडवाना गणतंत्र पार्टी ने भी बेहतर प्रदर्शन किया, जो एक बार फिर दोनों ही प्रमुख दलों की नाक में दम करेगा। बिछिया विधानसभा मुख्यतः कृषि प्रधान और आदिवासी, जनजातीय बहुल क्षेत्र है, वहीं, छत्तीसगढ़ की सीमा से लगा क्षेत्र है। उग्रवादी परेशानी भी इस क्षेत्र की प्रमुख परेशानी है। क्षेत्र मुख्यतः धान ओर गेंहू के साथ वनोपजों पर निर्भर है। जबकि उद्योग धंधे न होने के चलते बेरोजगारी ओर पलायन इस छेत्र की बड़ी परेशानी है
बिछिया विधानसभा के मतदाता
मतदाताओं की संख्या की बात करें तो यहां करीब 2 लाख 43 हजार 487 मतदाता हैं, जिसमें 1 लाख 20 हजार 750 पुरुष तो 1 लाख 22 हजार 725 स्त्री मतदाता हैं और 3 अन्य हैं। इस क्षेत्र में कुल 170 ग्राम पंचायतें हैं तो कुल मतदान केंद्र 304 उक्त विधानसभा में बिछिया, घुघरी ओर मवई विकासखंड शामिल हैं। बता दें कि बिछिया विधानसभा क्षेत्र के राजनीतिक हालात। बिछिया विधानसभा क्षेत्र के मतदाताओं ने कभी किसी सियासी दल पर पूरी तरह भरोसा नहीं जताया। इस क्षेत्र का इतिहास रहा है कि मतदाता ने किसी एक दल को दोबारा नहीं चुना है। यहां हर पांच सालों में मतदाताओं ने पार्टी बदलकर विधायक चुना है।