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Lok Sabha Election 2024 : कांग्रेस ने सुमति उरांव को मैदान में उतारा

लोहरदगा संसदीय क्षेत्र के इतिहास में पहली स्त्री सांसद बनने का गौरव सुमति उरांव को प्राप्त है वह भी एक बार नहीं, तीन-तीन बार सांसद बनीं सुमति उरांव कांग्रेस पार्टी के टिकट पर 1982, 1984 और 1989 में चुनाव लड़ीं और जीती थीं लोहरदगा संसदीय क्षेत्र में सुमति उरांव का नाम क्षेत्र की पहली स्त्री सांसद के रूप में भी लिया जाता है विडंबना है कि इस सीट से तीन बार सांसद रहीं सुमति उरांव के बाद कांग्रेस पार्टी या किसी राष्ट्रीय पार्टी ने यहां से किसी स्त्री को प्रत्याशी नहीं बनायासुमति उरांव उस समय चुनाव में आयी, जब कांग्रेस पार्टी को उनकी आवश्यकता थी क्योंकि आठ दिसंबर 1981 को दिल गति रुकने से छोटानागपुर के काला हीरा के नाम से मशहूर कार्तिक उरांव का मृत्यु हो गया था कार्तिक उरांव अपने जमाने में कांग्रेस पार्टी का बड़ा चेहरा थे उनके मृत्यु के बाद लोहरदगा संसदीय सीट से कोई ऐसा नेता नजर नहीं आ रहा था, जिसे चुनाव में खड़ा किया जा सके ऐसे में कांग्रेस पार्टी ने स्व कार्तिक उरांव की पत्नी सुमति उरांव को 1982 के चुनाव में उतारा और सुमति उरांव चुनाव जीती

वर्ष 1984 में कांग्रेस पार्टी ने भाजपा को हराया था

इसके बाद 1984 में फिर चुनाव मैदान में उतारा, जिसका रिज़ल्ट अच्छा मिला 1984 में हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी की सुमति उरांव ने बीजेपी के ललित उरांव को हराया था उस चुनाव में सुमति को 1,57,284 वोट मिले थे, जबकि प्रतिद्वंद्वी ललित उरांव को 55,217 वोट मिले थे पहली बार कांग्रेस पार्टी ने किसी स्त्री उम्मीदवार को लोकसभा चुनाव में लोहरदगा संसदीय क्षेत्र से टिकट दिया था इसका असर था सुमति उरांव भारी मतों से चुनाव जीती थी उनकी जीत का अंतर एक लाख, दो हजार, 67 वोट था वहीं 1989 के चुनाव में भी कांग्रेस पार्टी ने सुमति उरांव को मैदान में उतारा इस चुनाव में भी सुमति उरांव भारी मतों से विजयी होकर तीसरी बार लोहरदगा संसदीय सीट से स्त्री सांसद बनने का गौरव प्राप्त किया 1989 के चुनाव में सुमति ने बीजेपी के ललित उरांव को हराया था सुमति को 1,48,320 वोट मिले थे, जबकि प्रतिद्वंद्वी ललित उरांव को 1,09,248 वोट मिला था हालांकि 1989 का चुनाव पूरा टर्म पूरा नहीं कर सकी

1991 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने कांग्रेस पार्टी को हराया

दो वर्ष बाद 1991 में चुनाव हुआ इसमें भी कांग्रेस पार्टी ने सुमति उरांव को मैदान में उतारा लेकिन इस बार सुमति उरांव हार गयीं सुमति उरांव को बीजेपी के ललित उरांव ने हराया ललित उरांव को 1,39,611 वोट मिले थे, जबकि सुमति उरांव को 85,095 वोट मिले थे सुमति उरांव के बाद से लोहरदगा संसदीय सीट से एक भी स्त्री सांसद नहीं बनी है कांग्रेस पार्टी ने किसी स्त्री उम्मीदवार को चुनाव मैदान में नहीं उतारा और न ही बीजेपी ने कभी स्त्री उम्मीदवार पर भरोसा जताया है इसलिए लोहरदगा संसदीय सीट से सुमति उरांव के नाम तीन बार स्त्री सांसद बनने का नाम दर्ज है हालांकि लोहरदगा संसदीय सीट से कई क्षेत्रीय पार्टियां स्त्री उम्मीदवारों को चुनाव मैदान में उतार चुकी हैं कुछ निर्दलीय महिलाएं उम्मीदवार चुनाव लड़ चुकी हैं लेकिन जनता ने सुमति उरांव के बाद से किसी भी स्त्री को काम करने का अवसर नहीं दिया है सबसे बड़ी पार्टी बीजेपी का इतिहास रहा है 1957 से लेकर 2024 तक के चुनाव में किसी भी स्त्री उम्मीदवार पर भरोसा नहीं जताया हर समय बीजेपी मर्दों को मैदान में उतारती रही है लोहरदगा संसदीय क्षेत्र में जिस प्रकार की राजनीति होती रही है झारखंड बनने के बाद से लोहरदगा संसदीय सीट से स्त्री उम्मीदवारों को सांसद बनने का मौका नहीं मिला है

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