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Lok Sabha Election: पश्चिम बंगाल को लेकर भाजपा ने की है ये अलग तैयारी

Lok Sabha Election 2024 West Bengal: यूं तो आम चुनाव पूरे राष्ट्र में होने हैं लेकिन बीजेपी (भाजपा) ने पश्चिम बंगाल को लेकर अलग ही तैयारी की है केंद्र में सत्ताधारी यह दल इस लोकसभा चुनाव में पश्चिम बंगाल में अपनी ताकत इतनी बढ़ा लेना चाहता है, जिससे वर्ष 2026 में होने वाले विधानसभा चुनाव में वह यहां सत्ता हासिल कर सके बीजेपी इस बार पश्चिम बंगाल से तृणमूल कांग्रेस पार्टी (टीएमसी) को उखाड़ फेंकने का इरादा लेकर काम कर रही है उसे पता है कि वामपंथी दल और कांग्रेस पार्टी का आधार इस राज्य से लगभग समाप्त हो गया है ऐसे में यदि तृण मूल काँग्रेस को उखाड़ दिया जाए तो इस राज्य में भी बीजेपी की गवर्नमेंट सरलता से बन सकती है

पश्चिम बंगाल में लोकसभा की 42 सीटें हैं यह राज्य बीजेपी के लिए चुनौती बना हुआ है वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में जब बीजेपी ने नरेंद्र मोदी को पीएम पद का दावेदार घोषित किया और पहली बार राष्ट्र में पूर्ण बहुमत की गवर्नमेंट बनाई थी तब भी पश्चिम बंगाल से उसे अपेक्षित कामयाबी नहीं मिली थी बमुश्किल दो सीटों पर खाता खुल सका था पर, बीजेपी निराश नहीं हुई और अगले चुनाव की तैयारी में जुट गई वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में उसकी सीटें बढ़कर डेढ़ दर्जन तक पहुंच गईं ये रिज़ल्ट बीजेपी के लिए उत्साहजनक रहे

आम आदमी के बीच बने रहे बीजेपी कार्यकर्ता

इसके बाद उसने और ताकत के साथ कार्यकर्ताओं की सहायता से पश्चिम बंगाल की जनता के दिलों में स्थान बनाने का अभियान प्रारम्भ किया लगातार उसके कार्यकर्ता आम लोगों के बीच बने हुए थे इसका लाभ वर्ष 2021 के विधानसभा चुनाव में भी बीजेपी को मिला पश्चिम बंगाल के चुनावी इतिहास में पहली बार बीजेपी को विधान सभा में 77 सीटें मिलीं हालांकि बीजेपी ने गवर्नमेंट बनाने के इरादे से तैयारी की थी भगवा दल टारगेट तो नहीं अचीव कर पाई लेकिन इन परिणामों ने उसका उत्साह जरूर बढ़ाया मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इस चुनाव में बीजेपी के सुवेंदु अधिकारी से चुनाव हार गईं थीं ध्यान देने वाली बात यह भी है कि बीजेपी के पास इससे पहले बंगाल की विधानसभा में सिर्फ़ तीन सदस्य थे इस तरह विधानसभा में उसके 3 से 77 सदस्य हुए और लोगसभा में 2 से बढ़कर 18 सदस्य पहुंच गए

भाजपा को यह साफ लगता है कि यही वह समय है कि जब और ताकत से जुटकर लोकसभा चुनाव में अपनी ताकत बढ़ा ली जाए इससे वर्ष 2026 के विधानसभा चुनावों का रास्ता भी साफ होगा और मोदी के 400 पार नारे को भी बल मिलेगा क्योंकि एनडीए को 400 और बीजेपी को 370 का आंकड़ा पाने की राह में पश्चिम बंगाल की बड़ी किरदार हो सकती है वर्ष 2019 के चुनाव में बीजेपी ने उत्तर हिंदुस्तान में ज्यादातर सीटें जीत ली थीं कर्नाटक को छोड़कर अन्य दक्षिण हिंदुस्तान के राज्य तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश तथा केरल उसके लिए अभी भी अभेद्य किले के रूप में ही बने हुए हैं ऐसे में पश्चिम बंगाल जरूरी किरदार अदा कर सकता है

यहां से सीटें बढ़ने का मतलब होगा कि बीजेपी अपने लक्ष्य 370 के करीब होगी, ऐसा अनुमान पदाधिकारी लगा रहे हैं बीजेपी चाहती है कि लोकसभा में इस बार कम से कम 30-32 सीटें उसके खाते में आएं उसे लगता है कि इस बार यह सरलता से हो जाएगा क्योंकि राज्य में तृणमूल कांग्रेस पार्टी का वह जादू अब नहीं रहा संदेशखाली जैसी घटनाओं के अतिरिक्त अनेक घोटाले और उनमें लगातार केंद्रीय एजेंसियों की कार्रवाई से तृणमूल कांग्रेस पार्टी के कई नेताओं के हौसले भी पस्त हैं केंद्रीय एजेंसियों के हाथ ममता बनर्जी के भाई अभिषेक तक भी पहुंच गए हैं

सीएए का यहीं मिलेगा सबसे अधिक फायदा

CAA यानी नागरिकता कानून का सबसे अधिक फायदा बीजेपी को इसी राज्य में मिल सकता है क्योंकि मतुआ और राजवंशी समुदाय के जो लोग लंबे समय तक नागरिकता की मांग कर रहे थे यह समुदाय पश्चिम बंगाल की कम से कम 15 सीटों पर निर्णायक तथा अन्य कई सीटों पर मददगार साबित होता रहा है इतिहास गवाह है कि वामपंथी दल जब यहां सत्ताधारी हुए तो इसी समुदाय ने सीधी सहायता की और ममता बनर्जी के सत्ताधारी होने में भी इसी समुदाय ने अहम रोल निभाया था अब सालों पुरानी इस समुदाय की नागरिकता की मांग पूरी करके केंद्र गवर्नमेंट ने इस समुदाय को अपने असर में ले लिया है वर्ष 2019 के चुनाव में बीजेपी ने यह वादा इस समुदाय से किया था और इसका फायदा उसे तुरंत मिल गया था अब जब नागरिकता कानून नए सिरे से लागू हो गया है तो इसका सीधा फायदा पश्चिम बंगाल में उसे मिल सकता है, राष्ट्र के बाकी हिस्सों में भी मिलने की आसार से इनकार नहीं किया जा सकता मतों का ध्रुवीकरण इस चुनाव में बहुत तेज होगा, जिसका फायदा बीजेपी उठाने को तैयार दिखाई देती है

इस तरह लोकसभा चुनाव पश्चिम बंगाल में बीजेपी के लिए सत्ता का सेमीफाइनल हो सकता है बीजेपी लक्ष्य के अनुसार यदि 30-32 सीटें लेकर लोकसभा में आ गई तो उसका अगला लक्ष्य ममता बनर्जी की गवर्नमेंट को उखाड़ फेंकना होगा वर्ष 2026 में विधानसभा चुनाव है पश्चिम बंगाल में गवर्नमेंट बनाने के लिए 148 विधायकों की आवश्यकता होती है इस विधानसभा में बीजेपी के पास 77 हैं यह संख्या तीन से 77 हुई थी, इसलिए बीजेपी को भरोसा है कि वह इस बार पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ होने में सफल होगी
भाजपा ने पश्चिम बंगाल की चुनावी कैंपेन भी अलग ढंग से बनाने की तैयारी की है नेशनल कैंपेन के साथ ही क्षेत्रीय इनपुट के आधार पर चीजें तैयार की जा रही हैं इसमें राज्य गवर्नमेंट के करप्शन की कहानियां, घपले-घोटाले का सिलसिलेवार विवरण, तृणमूल कांग्रेस पार्टी के नेताओं की ओर से स्त्रियों के साथ अत्याचार समेत अनेक मामले शामिल किए जाने की तैयारी पूरी हो चुकी है यह लोकसभा चुनाव पश्चिम बंगाल में ‘दीदी बनाम मोदी’ होगा देखना रोचक होगा कि किसे कितनी कामयाबी मिलती है?

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