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ED ने माहिरा समूह की कंपनियों और दिल्ली में 11 ठिकानों पर की छापेमारी

नई दिल्ली. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बोला कि उसने हाल ही में धन शोधन निवारण अधिनियम के अनुसार धरम सिंह छोकर और परिवार के स्वामित्व एवं नियंत्रण वाले माहिरा इंफ्राटेक प्राइवेट लिमिटेड और माहिरा समूह की अन्य कंपनियों के समालखा (हरियाणा) और दिल्ली में 11 ठिकानों पर छापेमारी की है.

तलाशी के दौरान लगभग चार करोड़ रुपये की चार लक्जरी कारें, 14.5 लाख रुपये के आभूषण, 4.5 लाख रुपये की नकदी और घर खरीददारों के पैसों की हेराफेरी से संबंधित सबूत बरामद किए गए.

ईडी ने माहिरा इंफ्राटेक के विरुद्ध गुरुग्राम पुलिस द्वारा फर्जीवाड़ा और जालसाजी के लिए दर्ज की गई प्राथमिकी के आधार पर पीएमएलए जांच प्रारम्भ की.

कंपनी ने किफायती आवास योजना के अनुसार 1,497 घर खरीददारों से लगभग 360 करोड़ रुपये एकत्र किए थे, जिसमें गुरुग्राम के सेक्टर 68 में घर देने का वादा किया गया था.

हालाँकि, वह मकान वितरित करने में विफल रही और कई समय सीमाओं से चूक गई.

घर खरीदार पिछले एक वर्ष से माहिरा ग्रुप के विरुद्ध विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं और वादे के मुताबिक घरों की जल्द से जल्द डिलीवरी की मांग कर रहे हैं.

ईडी की जांच से पता चला कि उक्त इकाई ने समूह संस्थाओं में फर्जी निर्माण व्यय की बुकिंग करके घर खरीदारों के पैसे की हेराफेरी की.

माहिरा समूह के निदेशकों/प्रमोटरों द्वारा नकली बिल/चालान प्रदान करने वाली संस्थाओं से नकली खरीद के बराबर नकद वापस प्राप्त किया गया था, जिसका इस्तेमाल पर्सनल फायदा के लिए किया गया था.

कई पर्सनल पारिवारिक व्ययों को भी समूह संस्थाओं में व्यावसायिक व्यय के रूप में दर्ज किया गया था.

निदेशकों ने पर्सनल फायदा के लिए घर खरीदारों के पैसे को अन्य समूह संस्थाओं को कर्ज के रूप में हस्तांतरित कर दिया.

“प्रारंभिक जांच से पता चलता है कि माहिरा समूह के निदेशकों ने अकेले माहिरा इंफ्राटेक (घर से संबंधित) के सेक्टर 68 हाउसिंग प्रोजेक्ट के खरीददारों से लगभग 107.5 करोड़ रुपये (57 करोड़ रुपये की सीमा तक फर्जी खर्च और समूह संस्थाओं को 50.50 करोड़ रुपये की सीमा तक कर्ज की हेराफेरी की. प्रवर्तन निदेशालय के एक अधिकारी ने कहा, “अन्य चार किफायती हाउसिंग प्रोजेक्ट के वित्तीय लेनदेन के संबंध में जांच जारी है.

माहिरा ग्रुप के निदेशक धरम सिंह छोकर, सिकंदर सिंह और विकास छोकर तथा अन्य प्रमुख कर्मचारी प्रवर्तन निदेशालय की तलाशी के दौरान अनुपस्थित रहे और आज तक जांच में शामिल नहीं हुए हैं.

तलाशी अभियान के दौरान माहिरा समूह के कार्यालयों और बैंक खातों के संबंध में रोक लगाने के आदेश जारी किए गए थे.

मामले की आगे की जांच जारी है.

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