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अंबानी रिलायंस रिटेल वेंचर्स लिमिटेड के आठ से दस प्रतिशत की बेच सकते हैं हिस्सेदारी

Reliance Industries का एजीएम 28 अगस्त को होने वाला है इससे पहले कंपनी से जुड़ी हुई एक बड़ी सूचना सामने आ रही है कहा जा रहा है कि मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) रिलायंस रिटेल वेंचर्स लिमिटेड (Reliance Reial Ventures Limited) के आठ से दस फीसदी की हिस्सेदारी बेच सकते हैं शेयर बाजार में ये कयास इस सूचना के बाद से लगाया जा रहा कि कतर इंवेस्टमेंट अथॉरिटी (Qatar Investment Authority) ने 100 बिलियन $ के वैल्यू पर रिलायंस रिटेल में 0.99 प्रतिशत खरीदी इस डील की वैल्यू वैल्यू 8.278 लाख करोड़ रुपये आंकी जा रही है जबकि 2020 में रिलायंस रिटेल ने 10 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचकर 4.21 लाख करोड़ रुपये के वैल्यूएशन पर 47,260 करोड़ रुपये जुटाये थे इस बीच साल में कंपनी की वैल्यू दोगुना से अधिक बढ़ गयी है

रिलायंस की हिस्सेदारी घटी

बाजार के जानकार बताते हैं कि एजीएम में मुकेश अंबानी आईपीओ लाने की घोषणा कर सकते हैं कंपनी के द्वारा इन पैसों का इस्तेमाल विस्तार, कर्ज चुकौती, और सार्वजनिक सूचीकरण में किया जाएगा कतर इवेंस्टमेंट अथॉरिटी के साथ डील के बाद से भी देशी और विदेशी दोनों निवेशकों नजर रिलायंस के एजीएम पर है जिसमें रिलायंस रिटेल के आईपीओ की टाइमलाइम को लेकर घोषणा किए जाने की आसार जताई जा रही है कतर इवेंस्टमेंट के हिस्सेदारी खरीदने के बाद रिलायंस की कंपनी में हिस्सेदारी 89.9 प्रतिशत से घटकर 88.9 प्रतिशत रह गयी हैरिलायंस रिटेल वेंचर्स लिमिटेड रिलायंस के रिटेल व्यवसायी की होल्डिंग कंपनी है जिसकी डायरेक्टर मुकेश अंबानी की बेटी ईशा अंबानी हैं हालांकि, गुरुवार को रिलायंस रिटेल वेंचर्स लिमिटेड के शेयर में बिकवाली का दौर देखने को मिला

रिलायंस रिटेल ने बीते वित्त साल में एक अरब लेनदेन का आंकड़ा किया पार

रिलायंस रिटेल ने वित्त साल 2022-23 में एक अरब लेनदेन का आंकड़ा पार कर लिया रिलायंस इंडस्ट्रीज की वार्षिक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई वित्त साल 2022-23 में रिलायंस रिटेल के डिजिटल कॉमर्स और नए कॉमर्स व्यवसायों ने इसके 2.60 लाख करोड़ रुपये के राजस्व में 18 फीसदी का सहयोग दिया कंपनी ने समीक्षाधीन अवधि में 3,300 नयी दकुानें खोलीं अब उसकी कुल 18,040 दुकानें हैं रिलायंस इंडस्ट्रीज की वार्षिक रिपोर्ट के मुताबिक कि वित्त साल 2022-23 में कारोबार सालाना आधार पर 42 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ एक अरब के लेनदेन के आंकड़े को पार कर गया दुकानों में 78 करोड़ से अधिक ग्राहक आए, जो सालाना आधार पर 50 फीसदी अधिक है

खुदरा, दूरसंचार के बाद रिलायंस की नजरें वित्तीय सेवाओं, नए ऊर्जा कारोबार पर

सबसे कम समय में हिंदुस्तान का सबसे बड़ा खुदरा विक्रेता और दूरसंचार संचालक बनाने के बाद अरबपति मुकेश अंबानी की निगाहें अब अपनी वित्तीय सेवा कंपनी जियो फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड (जेएफएसएल) के जरिए राष्ट्र के सबसे बड़े गैर-बैंकिंग ऋणदाता के रूप में आगे बढ़ाने पर है रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड की हालिया वार्षिक रिपोर्ट में अंबानी ने बोला कि जियो फाइनेंशियल सर्विसेज (जेएफएस) लिमिटेड, डिजिटल और खुदरा कारोबारों के कौशल का फायदा उठाया जाएगा उन्होंने बोला कि कंपनी कि रिलायंस की तकनीकी क्षमताओं का फायदा उठाएगी अंबानी ने बोला कि डिजिटल रूप से वित्तीय सेवाएं प्रदान करने वाली इकाई भारतीय नागरिकों की वित्तीय सेवाओं तक पहुंच कायम करेगी इसके जल्द ही सूचीबद्ध होने की आशा है रिलायंस की 28 अगस्त को वार्षिक शेयरधारकों की बैठक में इस पर मार्गदर्शन मिल सकता है जेएफएस की रिलायंस में 6.1 फीसदी हिस्सेदारी है कंपनी ने संयुक्त उद्यम स्थापित करने के लिए ब्लैकरॉक के साथ पिछले महीने साझेदारी की घोषणा की थी

धीरूभाई अंबानी के मृत्यु के बाद बने कंपनी के चेयरमैन

अंबानी रिलायंस के निदेशक मंडल में 1977 से हैं और जुलाई, 2002 में अपने पिता और समूह के संस्थापक धीरूभाई अंबानी के मृत्यु के बाद कंपनी के चेयरमैन बन गए थे शेयरधारकों को भेजे गए विशेष प्रस्ताव में रिलायंस ने बोला कि उसके निदेशक मंडल ने 21 जुलाई, 2023 को मुकेश अंबानी को व्यवस्था निदेशक के तौर पर आगे पांच वर्ष के लिए नियुक्ति करने को स्वीकृति दे दी है प्रस्ताव में बोला गया कि अंबानी ने वित्त साल 2008-09 से वित्त साल 2019-20 तक अपना वार्षिक पारिश्रमिक 15 करोड़ रुपये तय किया था इसके बाद वित्त साल 2020-21 के बाद से उन्होंने Covid-19 महामारी के कारण अपना वेतन छोड़ने का विकल्प चुना वित्त साल 2020-21 से लगातार तीन सालों तक उन्हें कोई वेतन और लाभ-आधारित कमीशन का भुगतान नहीं किया गया है प्रस्ताव में बोला गया कि अंबानी के निवेदन पर बोर्ड ने सिफारिश की है कि 19 अप्रैल, 2024 से 18 अप्रैल, 2029 तक प्रस्तावित अवधि के लिए उन्हें कोई वेतन या लाभ-आधारित कमीशन का भुगतान नहीं किया जाएगा

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