झारखण्ड

CAA के तहत बांग्लादेश के अवैध प्रवासियों पर हो सकती है कार्रवाई, कोर्ट ने केंद्र से मांगा जवाब

रांची झारखंड हाई कोर्ट ने मंगलवार को केंद्र से यह बताने को बोला कि क्या राज्य के संथाल परगना क्षेत्र में रहने वाले बांग्लादेश के गैरकानूनी प्रवासियों के विरुद्ध संशोधित नागरिकता अधिनियम (सीएए) के अनुसार कार्रवाई की जा सकती है

अदालत का यह निर्देश तब आया जब वह एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें गैरकानूनी रूप से राज्य में प्रवेश करने वाले बांग्लादेशियों के विरुद्ध सीएए के अनुसार कार्रवाई करने के लिए केंद्र गवर्नमेंट को निर्देश देने का निवेदन किया गया है

सीएए को हाल ही में पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से 31 दिसंबर 2014 से पहले हिंदुस्तान आए गैर-मुस्लिम प्रवासियों को नागरिकता देने के लिए लागू किया गया था न्यायमूर्ति सुजीत नारायण प्रसाद और न्यायमूर्ति अरुण कुमार राय की खंडपीठ डेनियल दानिश द्वारा दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें राज्य में बांग्लादेशी नागरिकों की घुसपैठ का मामला उठाया गया है

याचिकाकर्ता ने दावा किया कि गैरकानूनी अप्रवासी राज्य के संथाल परगना क्षेत्र के साहिबगंज, पाकुड़, गोड्डा, जामताड़ा और दुमका जिलों में रह रहे हैं दानिश ने अपनी याचिका में इल्जाम लगाया कि ये अप्रवासी पांच जिलों में मदरसे और बस्तियां स्थापित कर रहे हैं और क्षेत्रीय आदिवासी जनसंख्या को परेशान कर रहे हैं

याचिकाकर्ता ने बोला कि सीएए के अनुसार मुद्दे में कार्रवाई करने का अधिकार केंद्र को है न कि राज्य गवर्नमेंट को पीठ ने केंद्र गवर्नमेंट के वकील प्रशांत पल्लव को मुद्दे में निर्देश लेने और केंद्र का रुख साफ करने के लिए हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया इस मुद्दे की अगली सुनवाई तीन मई को होगी हाई कोर्ट ने इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्रालय को यह बताने का निर्देश दिया था कि पड़ोसी राष्ट्र से गैरकानूनी अप्रवासी हिंदुस्तान में कैसे प्रवेश कर रहे हैं

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