बर्ड फ्लू की पुष्टि होने के बाद कोडरमा में पशुपालन विभाग बरत रही विशेष सतर्कता
कोडरमा।झारखंड की राजधानी रांची के होटवार स्थित पशुपालन विभाग के क्षेत्रीय कुक्कुट प्रक्षेत्र में बर्ड फ्लू की पुष्टि होने के बाद कोडरमा में भी पशुपालन विभाग विशेष सतर्कता बरत रही है। विभाग के द्वारा जिले के सभी प्रखंडों में बर्ड फ्लू की जांच को लेकर प्रखंड स्तरीय चिकित्सा पदाधिकारी के नेतृत्व में टीम का गठन किया है।
लोकल 18 से विशेष वार्ता में जिला पशुपालन पदाधिकारी डाक्टर राम सरीख प्रसाद ने बोला कि जिले के विभिन्न प्रखंडों में करीब 200 से अधिक मुर्गा फार्म संचालित हैं। पशुपालन विभाग की टीम के द्वारा बर्ड फ्लू की जांच को लेकर सैंपल कलेक्शन कर रही है। इसे जांच के लिए भोपाल स्थित पशुपालन विभाग के प्रयोगशाला में भेजा जा रहा है। बर्ड फ्लू की चपेट में आने से अचानक 70-75 प्रतिशत मुर्गियों की मृत्यु हो जाती है। बर्ड फ्लू से मुर्गियों की मृत्यु होने के बाद उसकी कलगी ब्लू हो जाती है। मुर्गियों को सांस लेने में परेशानी, हांफना, छींक आना, दस्त, सुस्ती, सिर, गर्दन और आंखों के आसपास सूजन आदि लक्षण दिखने को मिलते हैं। इस तरह का लक्षण दिखने पर पशुपालन विभाग को सूचित करें ताकि जन योगदान से संक्रमण पर काबू पाया जा सके।
टीम को सैंपल लेने में करें सहयोग
जिला पशुपालन पदाधिकारी ने कहा कि पोल्ट्री फार्म में उपस्थित मुर्गियों को संक्रमण से बचाने के लिए उन्हें बाहरी व्यक्तियों के संपर्क में आने से बचाए। उन्होंने कहा कि यदि संभव हो तो पोल्ट्री फार्म के दरवाजे के नजदीक फिटकरी और डिटोल का घोल बनाकर रख लें। पोल्ट्री फार्म के भीतर प्रवेश करने से पहले पैर और हाथ पर इस घोल को लगाकर हाथ पैर को स्टेरलाइज कर लें। इससे बाहर के संक्रमण से मुर्गियों की सुरक्षा होगी। उन्होंने मुर्गी पालकों से अपील किया है कि पशुपालन विभाग की टीम जब भी मुर्गियों का सैंपल लेने जाए तो उन्हें योगदान करें। लोगों के योगदान से ही इस संक्रमण वाले रोग की समय पर जांच और उपचार से काबू पाते हुए बड़े हानि को रोका जा सकता है।