हम भारत के साथ काम करने के लिए हैं तैयार: चीन
China and G20 Summit: जी-20 समिट को लेकर चीन का रवैया पूरी दुनिया ने देखा। राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने इस समिट से किनारा कर लिया और अपने पीएम ली क्विंग को हिंदुस्तान भेजने की ठानी। हिंदुस्तान की तरक्की और चीन के प्रति दुनिया के राष्ट्रों का नजरिया सब जानते हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने तो जिनपिंग के हिंदुस्तान आने से इनकार करने पर आश्चर्य जताई है। चीन ने जब सम्मेलन में जिनपिंग की अनुपस्थिति पर निंदा झेली तो बीजिंग से बड़ा बयान आ गया।
चीन ने मंगलवार को बोला कि उसने इस वर्ष के जी20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी में हिंदुस्तान का समर्थन किया है और वह इस हफ्ते नयी दिल्ली में होने वाले हाई-प्रोफाइल अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन की कामयाबी के लिए सभी पक्षों के साथ काम करने को तैयार है। चीन के विदेश मंत्रालय की इस घोषणा के एक दिन बाद कि जी20 शिखर सम्मेलन में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की स्थान पीएम ली क्विंग चीन का अगुवाई करेंगे, मंत्रालय की प्रवक्ता ने यहां नियमित प्रेस वार्ता में संवाददाताओं से बोला कि चीन हमेशा जी20 समूह को उच्च महत्व देता है और प्रासंगिक गतिविधियों में एक्टिव रूप से हिस्सा लेता है।
हम हिंदुस्तान के साथ काम करने के लिए हैं तैयार: चीन
उन्होंने 9-10 सितंबर को नयी दिल्ली में होने वाले शिखर सम्मेलन में कहा, ‘हम इस वर्ष के शिखर सम्मेलन की मेजबानी करने में हिंदुस्तान का समर्थन करते हैं और जी20 शिखर सम्मेलन को सफल बनाने के लिए सभी पक्षों के साथ काम करने के लिए तैयार हैं।’ उन्होंने बोला कि जी20 अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक योगदान का प्रमुख मंच है। सीमा टकराव का उल्लेख किए बिना, प्रवक्ता ने बोला कि चीन-भारत संबंध कुल मिलाकर स्थिर है और ‘हमारे दोनों पक्षों ने विभिन्न स्तरों पर वार्ता और सम्पर्क बनाए रखा है।’ उन्होंने कहा, ‘चीन-भारत संबंधों में लगातार सुधार और वृद्धि दोनों राष्ट्रों और दोनों राष्ट्रों के लोगों के साझा हितों की पूर्ति करती है। हम द्विपक्षीय संबंधों को और बेहतर बनाने और आगे बढ़ाने के लिए हिंदुस्तान के साथ काम करने के लिए तैयार हैं।’
गलवान झड़प के बाद से ही भारत-चीन संबंध तनावपूर्ण
जून 2020 में पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में झड़प के बाद से हिंदुस्तान और चीन के बीच संबंधों में तनाव है। पूर्वी लद्दाख में कुछ बिंदुओं पर हिंदुस्तान और चीन के सैनिकों के बीच तीन वर्ष से अधिक समय से विवाद है, जबकि दोनों पक्षों ने व्यापक राजनयिक और सेना वार्ता के बाद कई क्षेत्रों से सैनिकों की वापसी पूरी कर ली है। हिंदुस्तान का बोलना रहा है कि असली नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर शांति और स्थिरता समग्र संबंधों को सामान्य बनाने के लिए जरूरी है।
जी20 से पहले आसियान सम्मेलन में भी जाएंगे चीनी प्रधानमंत्री
चीन के पीएम ली 5 से 8 सितंबर तक इंडोनेशिया में आसियान शिखर सम्मेलन में चीन का अगुवाई करेंगे। वह जकार्ता में पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में भाग लेने के बाद हिंदुस्तान की यात्रा करेंगे। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, ऑस्ट्रेलियाई पीएम एंथनी अल्बनील, जर्मनी के चांसलर ओलाफ स्कोल्ज़, ब्रिटेन के पीएम ऋषि सुनक, जापान के पीएम फुमियो किशिदा और ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज़ इनासियो लूला दा सिल्वा उन जी20 नेताओं में शामिल हैं जिन्होंने जी20 शिखर सम्मेलन में अपनी भागीदारी की पहले ही पुष्टि कर दी है।