अंतर्राष्ट्रीय

UNGA अध्यक्ष ने प्रेस की आजादी पर सुनाया “महात्मा गांधी” का बड़ा संदेश, कहा…

संयुक्त राष्ट्रः प्रेस की आजादी पर अंतर्राष्ट्रीय चर्चा के दौरान संयुक्त देश सुरक्षा परिषद को विश्व शांति दूत और हिंदुस्तान के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी नाम याद आया. महात्मा गांधी के संदेश का जिक्र करते हुए संयुक्त देश महासभा (यूएनजीए) के अध्यक्ष डेनिस फ्रांसिस ने सदस्य राष्ट्रों से पूरे विश्व में पत्रकारों और मीडियाकर्मियों की सुरक्षा के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराने का आह्वान किया. फ्रांसिस ने तीन मई को ‘विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस’ पर सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर डाले गये एक पोस्ट में बोला कि प्रेस की आजादी पर हमले लोकतंत्र को कमजोर करते हैं.

गलत सूचना, दुष्प्रचार और पर्यावरणीय संकट के बावजूद समाज को मीडिया की स्वतंत्रता, विशेषज्ञता और अखंडता की पहले से कहीं अधिक जरूरत है. उन्होंने कहा, ‘‘महात्मा गांधी के शब्दों में, ‘प्रेस की आजादी एक अनमोल विशेषाधिकार है जिसे कोई भी राष्ट्र नहीं छोड़ सकता.’’ विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस पर आइए, पूरे विश्व में पत्रकारों और मीडियाकर्मियों की सुरक्षा के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराएं.’’ संयुक्त देश महासभा के 78वें सत्र के अध्यक्ष फ्रांसिस ने अपने संदेश में बोला कि प्रेस की स्वतंत्रता अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार का एक मुख्य घटक है. प्रेस की स्वतंत्रता पत्रकारों और मीडिया संगठनों को बिना सेंसरशिप या धमकी के स्वतंत्र रूप से काम करने एवं निष्पक्ष रूप से समाचार प्रकाशित करने के अधिकार को मान्यता देती है.

दुनिया भर में पत्रकारों पर बढ़ा खतरा

डेनिस फ्रांसिस ने इस बात पर चिंता व्यक्त की कि पूरे विश्व में पत्रकारों और मीडियाकर्मियों पर खतरे बढ़े हैं और उन्हें किडनैपिंग एवं यातना से लेकर मनमाने ढंग से हिरासत में लिया जाने लगा है. पत्रकारों के जान गंवाने की रेट घातक ढंग से बढ़ रही है, भले वह युद्ध के हताहतों के रूप में हो या गवर्नमेंट द्वारा जनबूझकर लक्षित किये जाने के तौर पर. फ्रांसिस ने सदस्य राष्ट्रों से अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को बनाए रखने और उसका सम्मान करने, पत्रकारों के साथ-साथ मीडियाकर्मियों की सुरक्षा करने और उनके विरुद्ध दंड को खत्म करने को अहमियत देने का आह्वान किया.

उन्होंने कहा, “पत्रकारों और मीडियाकर्मियों के विरुद्ध हमलों और उत्पीड़न के लिए ज़िम्मेदारी सुनिश्चित करना अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लोकतांत्रिक मूल्यों को बनाए रखने के लिए जरूरी है.” उन्होंने बोला कि गलत सूचना और दुष्प्रचार की व्यापक प्रवृत्ति वाले इस युग में, समाज को स्वतंत्र मीडिया की स्वतंत्रता, विशेषज्ञता और अखंडता की पहले से कहीं अधिक जरूरत है. (भाषा)

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