अंतर्राष्ट्रीय

 दो दर्जन हमास आतंकियों की काल बनी यह इजरायली महिला

इजरायल पर हमास आतंकवादियों के हमले को लेकर इस  बार अरब राष्ट्र भी बंटे हुए नजर आ रहे हैं कई मुसलमान राष्ट्रों ने भी इस हमले की जमकर निंदा की है उनका बोलना है कि आखिर आम लोगों को इस तरह निशाना क्यों बनाया गया हमास आतंकवादियों की तरफ से की गई हवस को वे किसी भी अर्थ में ठीक नहीं ठहरा रहे हैं वहीं हिंदुस्तान ने ट्वीट के जरिए ही इजरायल के साथ खड़े होने की बात कही है विदेश मंत्रालय ने अलग से कोई बयान जारी नहीं किया गया है पीएम मोदी ने बोला था कि वह ऐसी मुसीबत की घड़ी में इजरायल के साथ खड़े हैं

इजरायल के साथ अब्राहम समझौते पर साइन करने वाले यूएई और बहरीन ने भी हमास के हमले की आलोचना की है वहीं अरब राष्ट्रों के विदेश मंत्रालयों ने खामोशी साध रखी है हालांकि उनके भी कार्यालयों की तरफ से ट्वीट करके इजरायल के साथ खड़े रहने की बात कह दी गई है वहीं अरब राष्ट्रों के राजनयिकों का बोलना है कि उन्हें हिंदुस्तान से बैलैंस्ड बयान की आशा हैभारतीय एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार एक डिप्लोमैट ने कहा, जी20 के दौरान हिंदुस्तान ने बैलेंसिंग का अच्छा उदाहरण पेश किया है रूस और यूक्रेन युद्ध के मुद्दे में भी हिंदुस्तान ने वही रुख अपनाया है

दरअसल  भारत के संबंध पश्चिमी एशिया के कई राष्ट्रों के साथ बहुत अच्छे हैं वहीं इन राष्ट्रों में हिंदुस्तान के लगभग 90 लाख लोग रहते हैं इसके अतिरिक्त इंडिया-मिडल ईस्ट-यूरोप इकोनॉमिक कॉरिडोर भी इन राष्ट्रों से होकर ही प्रस्तावित है ऐसे में हिंदुस्तान के लिए बैलेंस बनाना बहुत महत्वपूर्ण हो गया है वहीं सूत्रों का बोलना हैकि हमास के हमले के बाद अरब वर्ल्ड में भी फूट देखने को मिल रही है यूएई ने हमास के हमले को गंभीर कहा है वहीं यूएई के विदेश मंत्रालय ने भी आम लोगों पर धावा करना, मर्डर करने और बंधक बनाने की निंदा की है

यूएई के मंत्रालय ने बोला कि दोनों तरफ के आम लोगों को सुरक्षित रहने का अधिकार है बहरीन ने भी हमास के इस हमले की आलोचना की है और इसे नागरिकों के लिए बड़ा खतरा कहा है बहरीन ने अपील की है तो दोनों तरफ से क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए शांति की पहल हो  वहीं सऊदी अरब, कतर, कुवैत, ओमान और ईरान इजरायल को ही इस हमले का गुनाह दे रहे हैं सऊदी अरब के विदेश मंत्रालय की तरफ से बोला गया है कि फिलिस्तीनी गुट और इजरायल की तरफ से हो रहे बल प्रयोग से कई चुनौतियां पैदा हो गई हैं सऊदी अरब ने भी तुरन्त अत्याचार रोकने की अपील की है

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