पाकिस्तान के कई गांवों पर तालिबान ने किया कब्ज़ा
इस्लामाबाद: 1947 में हिंदुस्तान से अलग होकर इस्लामी देश बना पाक अपनी कट्टरपंथी हरकतों के चलते इस समय आर्थिक तंगी, राजनितिक अस्थिरता, तानाशाही और आतंकवादी हमलों का सामना कर रहा है.
जिन आतंकवादियों को पाक ने हिंदुस्तान में जहर फ़ैलाने के लिए पैदा किया था, वो ही आतंकवादी अब पाक के गले की फांस बन चुके हैं. दरअसल, कट्टरपंथी संगठन, तहरीक-ए-तालिबान पाक (TTP) ने बुधवार (6 सितंबर) को पाक के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के चित्राल जिले में पाकिस्तानी सेना के विरुद्ध “बड़े पैमाने पर” सेना आक्रमण प्रारम्भ कर दिया है. पाकिस्तानी सेना पर इस हमले को TTP ने कथित तौर पर ‘ऑपरेशन मलकंद’ नाम दिया है, और इस अभियान में कई सेना चौकियों पर धावा किया गया है, जिसमें कई पाकिस्तानी सैनिक मारे गए हैं या घायल हुए हैं. साथ ही TTP आतंकवादियों ने यह भी दावा किया है कि उन्होंने क्षेत्र के कई गांवों पर कब्जा कर लिया है.
Tehrek-e Taliban #Pakistan claims to have captured 2 villages in Chitral’s Bamboret. #TTP calls it Operation Malakand & claims to have seized army’s weapons & check posts in Janjeriat Koh area killing several soldiers.
— Bashir Ahmad Gwakh (@bashirgwakh) September 6, 2023
एक TTP कमांडर ने द खुरासान डायरी को टेलीफोन पर कहा कि धावा दिन के शुरुआती घंटों में प्रारम्भ हुआ. उन्होंने कहा, ‘TTP द्वारा चित्राल जिले में एक ऑपरेशन प्रारम्भ किया गया है और विभिन्न गांवों पर कब्जा कर लिया गया है. इसकी आरंभ आज सुबह 4 बजे (पाकिस्तान समय) हुई. हम फोटोज़ साझा करेंगे. वर्तमान में, हम ख़राब इंटरनेट समस्याओं से जूझ रहे हैं.’ खुरासान डेयरी से बात करते हुए एक वरिष्ठ पाकिस्तानी सुरक्षा अधिकारी ने TTP द्वारा किए गए दावों को खारिज कर दिया और बोला कि आतंकवादी संगठन ने किसी भी क्षेत्र पर कब्जा नहीं किया है. विशेष रूप से, खुरासान डायरी एक गैर-पक्षपातपूर्ण मंच होने का दावा करती है, जो असली समय की जानकारी और विश्लेषण प्रदान करती है. स्थानीय मीडिया को दिए एक बयान में, TTP के प्रवक्ता मुहम्मद खुरासानी ने क्षेत्रीय नागरिकों से शांत रहने को कहा, क्योंकि उनका “युद्ध” पाकिस्तानी सेना के विरुद्ध था, जिसे उन्होंने “हथियाने वाली” और “दमनकारी” सुरक्षा एजेंसियों के रूप में संदर्भित किया. उल्लेखनीय है कि कल 6 सितंबर को पाक अपना रक्षा दिवस इंकार रहा था. इस पर खुरासानी ने बोला कि, ”हम चित्राल के लोगों से बोलना चाहते हैं कि आप शांत रहें. तुम्हें कोई हानि नहीं पहुंचेगा. हमारी लड़ाई अतिक्रमणकारी और दमनकारी सुरक्षा एजेंसियों के विरुद्ध है.”
#BREAKING: 11 Pakistani Army soldiers killed and 40 injured as TTP launches attack on Pakistan Army posts in Chitral since this morning at 4am. Pakistan Army claims to have killed 12 TTP terrorists, no confirmation yet. Locals report over 90 Pakistan Army soldiers abducted. pic.twitter.com/EstU5n2430
— Aditya Raj Kaul (@AdityaRajKaul) September 6, 2023
इस बीच, एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर कई अपुष्ट वीडियो औनलाइन सामने आए हैं, जिसमें दावा किया जा रहा है कि चित्राल क्षेत्र में 500 TTP आतंकियों से लड़ने के लिए पाकिस्तानी SSG कमांड को बुलाया गया है, जिन्होंने कुछ गांवों पर कब्जा कर लिया है. पाकिस्तानी मामलों में विशेषज्ञता रखने वाले प्रमुख पत्रकारों सहित कई सोशल मीडिया हैंडल ने दावा किया है कि डूरंड लाइन पर पाकिस्तानी सेना और TTP के बीच झड़पें हुईं. इसके परिणामस्वरूप तोरखम सीमा पार करना बंद कर दिया गया. जबकि पाकिस्तानी सेना ने इस बात से इनकार किया है कि उसे कोई हानि हुआ है, TTP आतंकियों ने दावा किया है कि उन्होंने 10 पाकिस्तानी सैनिकों को मार डाला है और 40 को घायल कर दिया है. दिलचस्प बात यह है कि पाकिस्तानी मीडिया ने रणनीतिक खामोशी बनाए रखी है और साफ कारणों से, उसने पाकिस्तानी सेना के विरुद्ध TTP के बड़े हमले को कवर नहीं किया है. यह ध्यान रखना जरूरी है कि TTP जिसे पाक तालिबान के नाम से भी जाना जाता है, ने नवंबर 2022 में पाकिस्तानी सेना के विरुद्ध पूर्ण युद्ध का घोषणा कर दिया था. इसने पाकिस्तानी सेना को हराने और काबुल में अफगान तालिबान की तरह पाक में शरिया कानून स्थापित करने की कसम खाई थी. हाल के दिनों में, पाकिस्तानी सेना और प्रतिष्ठान-प्रायोजित आतंक उद्योग फिर से उसे परेशान करने लगे हैं. यह उन आतंकवादी संगठनों द्वारा की गई आतंकी गतिविधियों की लहर से प्रभावित हुआ है, जिन्हें वे दशकों से पोषित कर रहे हैं.
संयुक्त देश (UN) की कई रिपोर्टों के अनुसार, TTP को अल-कायदा के साथ मिलकर काम करने के लिए बोला जाता है और इसे पूरे पाक में कई खतरनाक हमलों के लिए गुनेहगार ठहराया जा रहा है. इससे पहले, 2 सितंबर को TTP के साथ एनकाउंटर में पाकिस्तानी सेना के एक मेजर और एक सैनिक की मृत्यु हो गई थी. पाकिस्तानी सेना को अफगानिस्तान की सीमा से लगे उत्तर-पश्चिमी कबायली जिले में एक खुफिया-आधारित ऑपरेशन के दौरान ये हानि उठाना पड़ा. इसके अलावा, दो दिन पहले, खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में TTP के आत्मघाती हमले में कथित तौर पर नौ पाकिस्तानी सैनिक मारे गए थे.