संयुक्त राष्ट्र महासभा से इतर वैश्विक मुस्लिम निकाय ओआईसी द्वारा आयोजित बैठक
संयुक्त देश महासभा से इतर अंतरराष्ट्रीय मुसलमान निकाय ओआईसी द्वारा आयोजित बैठक में सऊदी अरब ने जम्मू और कश्मीर मामले पर अपने रुख से हिंदुस्तान को चौंका दिया है. सऊदी अरब के विदेश मंत्री प्रिंस फैसल बिन फरहान ने बोला कि वह जम्मू और कश्मीर में मुसलमानों की इस्लामी पहचान बनाए रखने और उनकी गरिमा को बनाए रखने में उनके साथ खड़े हैं. उन्होंने बोला कि जम्मू और कश्मीर मामला क्षेत्र की सुरक्षा और स्थिरता के सामने आने वाली प्रमुख चुनौतियों में से एक है. उन्होंने चेतावनी दी कि इस मामले को अनसुलझा छोड़ने से क्षेत्रीय अस्थिरता में सहयोग मिलेगा.
प्रिंस फैसल बिन फरहान बिन अब्दुल्ला ने इस्लामिक संगठन द्वारा आयोजित जम्मू और कश्मीर के संपर्क समूह की एक बैठक में जम्मू और कश्मीर के लोगों सहित चल रहे संघर्ष और अशांति के कारण क्षेत्र में पीड़ित लोगों के लिए सऊदी अरब के समर्थन को दोहराया. आधिकारिक सऊदी प्रेस एजेंसी (एसपीए) ने न्यूयॉर्क में संयुक्त देश महासभा के मौके पर योगदान (ओआईसी) की सूचना दी. मंत्री ने बोला कि किंगडम क्षेत्र में किसी भी संघर्ष को बढ़ने से रोकने और अंतर्राष्ट्रीय प्रस्तावों के मुताबिक शांतिपूर्ण निवारण हासिल करने के लिए संबंधित पक्षों के बीच मध्यस्थता प्रयासों में लगा हुआ है.
जम्मू और कश्मीर संघर्ष
अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाने वाला विश्व मशहूर पर्वतीय क्षेत्र 1947 में हिंदुस्तान और पाक के विभाजन के बाद से संघर्ष से भरा हुआ है, जब ब्रिटिश शासकों ने भारतीय उपमहाद्वीप को विभाजित किया था. 1989 में कश्मीरी अलगाववादियों ने पाक के साथ एकीकरण या हिंदुस्तान से पूर्ण स्वतंत्रता की मांग करते हुए एक सशस्त्र उपद्रव प्रारम्भ किया. इसके परिणामस्वरूप नयी दिल्ली द्वारा क्षेत्र में भारतीय शासन के विरुद्ध चरमपंथी उग्रवादी उपद्रव और सार्वजनिक विरोध प्रदर्शनों पर कार्रवाई की गई. नयी दिल्ली इस बात पर बल देती है कि कश्मीर में आतंकी पाक प्रायोजित आतंकवाद का हिस्सा हैं, पाक इस इल्जाम से इनकार करता है.