अंतर्राष्ट्रीय

Maldives के राष्ट्रपति मुइज्जू की पार्टी ने संसदीय चुनावों में 70 सीट पर जीत दर्ज करके हासिल किया ‘‘प्रचंड बहुमत’’

मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू की पार्टी ने संसदीय चुनावों में 70 सीट पर जीत दर्ज करके ‘‘प्रचंड बहुमत’’ हासिल कर लिया है. सोमवार को आए प्रारंभिक नतीजों से यह जानकारी मिली.

इस चुनाव को राष्ट्र के राष्ट्रपति मुइज्जू के लिए बहुत जरूरी बताया जा रहा है, जिनकी नीतियों पर मालदीव में असर बढ़ाने की प्रयास कर रहे हिंदुस्तान और चीन की नजर रहती है.

मुइज्जू के नेतृत्व वाली पीपुल्स नेशनल कांग्रेस पार्टी (पीएनसी) ने रविवार को हुए चुनाव में 20वीं ‘पीपुल्स मजलिस’ (संसद) में 93 में से 70 सीट जीतीं और उसके गठबंधन के साझेदारों मालदीव नेशनल पार्टी (एमएनपी) और मालदीव डेवलेपमेंट एलायंस (एमडीए) ने क्रमश: एक और दो सीट जीती हैं.

इसके साथ ही पीएनसी को संविधान में संशोधन की शक्ति मिल गयी है.
एक समाचार वेबसाइट ‘मिहारू’ के अनुसार, हिंदुस्तान समर्थक नेता माने जाने वाले पूर्व राष्ट्रपति इब्राहिम सोलेह की प्रतिनिधित्व वाली मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी (एमडीपी) ने पिछली संसद में 65 सीट जीती थीं लेकिन इस बार उसे सिर्फ़ 15 सीट ही मिली हैं.

चीन समर्थक माने जाने वाले मुइज्जू (45) ने बोला है कि वह अपने राष्ट्र में हिंदुस्तान का असर कम करना चाहते हैं.
स्थानीय मीडिया ने रविवार को हुए चुनाव में पीएनसी की बड़ी जीत को ‘‘प्रचंड बहुमत’’ कहा है.

साल 2019 के चुनाव में तत्कालीन सत्तारूढ़ पार्टी एमडीपी ने 64 सीट के साथ संसद में प्रचंड बहुमत हासिल किया था जबकि तत्कालीन विपक्षी दल पीपीएम-पीएनसी गठबंधन ने महज आठ सीट जीती थीं.
हिंद महासागर में सामरिक रूप से जरूरी स्थान पर स्थित मालदीव में संसदीय चुनावों के लिए आधिकारिक नतीजे इस हफ्ते तक आने की आशा है.

देश के संसदीय चुनाव के लिए 368 उम्मीदवार चुनाव मैदान में थे. इनमें मुइज्जू की पीपुल्स नेशनल कांग्रेस पार्टी (पीएनसी), मुख्य विपक्षी मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी (एमडीपी) और 130 निर्दलीय शामिल हैं. करीब 40 उम्मीदवार महिलाएं थीं.
अभी के नतीजों से पता चलता है कि सिर्फ़ तीन स्त्रियों ने जीत दर्ज की है.

विपक्षी एमडीपी के अध्यक्ष फैयाज इस्लाइल ने संसदीय चुनावों में रविवार को मिली कामयाबी के लिए पीएनसी को शुभकामना दी है.
मालदीव के बाहर जिन राष्ट्रों में मतदान के लिए मतपेटियां रखी गई थीं, उनमें हिंदुस्तान में तिरुवनंतपुरम, श्रीलंका में कोलंबो और मलेशिया में कुआलालंपुर शामिल हैं.

 



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