अमेरिका और पाकिस्तान को भारत करेगा कैंसर दवाओं की सप्लाई
बेसेरा ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘जब दवाओं की बात आती है तो हमारा हिंदुस्तान के साथ बहुत मजबूत और निर्भर संबंध है। हम हिंदुस्तान पर निर्भर हैं, हिंदुस्तान हम पर निर्भर करता है और जब यह सुनिश्चित करने की बात आती है कि दवाएं न सिर्फ़ हमारे लोगों के लिए बल्कि दुनिया के लिए मौजूद हों तो हम दोनों मिलकर आगे बढ़ सकते हैं।’’ बेसेरा जी-20 स्वास्थ्य मंत्रियों की बैठक के साथ-साथ अन्य राष्ट्रों के साथ द्विपक्षीय बैठकों में हिस्सा लेने के लिए गांधीनगर में थे। उन्होंने बोला कि अमेरिका कुछ कैंसर दवाओं की आपूर्ति में व्यवधान का सामना कर रहा है। यह पूछे जाने पर कि क्या कैंसर की दवाओं की कमी को दूर करने के लिए उनकी भारतीय ऑफिसरों या उद्योग जगत कारोबारियों से मिलने की कोई योजना है, बेसेरा ने बोला कि यही कारण है कि यूएस एफडीए (खाद्य एवं औषधि प्रशासन) आयुक्त रॉबर्ट कैलिफ जल्द हिंदुस्तान का दौरा करेंगे।
अमेरिका को हिंदुस्तान करेगा कैंसर दवाओं की सप्लाई
बेसेरा ने कहा, ‘‘क्योंकि हम किसी भी दवा की आपूर्ति में कोई कमी नहीं देखना चाहते हैं। कैंसर की कुछ दवाओं की आपूर्ति श्रृंखला में व्यवधान आया है। अमेरिका को जरूरी दवाएं मौजूद कराने में हिंदुस्तान एक अपरिहार्य भागीदार है।’’ उन्होंने बोला कि अमेरिका ऐसी जरूरी दवाओं के उत्पादन के लिए घरेलू क्षमता बढ़ाने पर विचार कर रहा है, लेकिन यह पर्याप्त नहीं होगा। उन्होंने कहा, ‘‘भारत जैसे मजबूत साझेदार हमारे लिए अपने लोगों को उनकी आवश्यकता की दवाएं मौजूद कराना संभव बनाते हैं।’’ हिंदुस्तान से आपूर्ति होने वाली दवाओं की गुणवत्ता के बारे में एक अमेरिकी समिति द्वारा उठाई गई चिंताओं के बारे में पूछे जाने पर स्वास्थ्य मंत्री ने साफ रूप से बोला कि अमेरिका चाहता है कि राष्ट्र में बेची जाने वाली दवाएं सुरक्षित हों। उन्होंने कहा, ‘‘हम चाहते हैं कि हमारे राष्ट्र में बिकने वाली दवाएं सुरक्षित और कारगर हों। यदि हिंदुस्तान यह सुनिश्चित करता है कि उनके पास ऐसी कंपनियां हैं जो उन मानकों को पूरा कर सकती हैं, तो हम उनके साथ काम करने के लिए एकदम इच्छुक हैं।
’’ उन्होंने पीएम नरेन्द्र मोदी की भी प्रशंसा करते हुए बोला कि Covid-19 महामारी के बाद स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में हिंदुस्तान की किरदार का विस्तार हुआ है। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि पीएम मोदी मानते हैं, लोग भी मानते हैं कि हिंदुस्तान कुछ दशक पहले की तुलना में एक अलग जगह पर है। यही वह समय है जब हिंदुस्तान दिखा सकता है कि वह इस क्षेत्र में विश्व में अग्रणी है। (भाषा)