हमास-इजरायल युद्ध :दुनिया एक बार फिर गहराते मानवीय संकट के मोड़ पर
हमास-इजरायल के बीच हो रही भयंकर जंग में दुनिया एक बार फिर गहराते मानवीय संकट के मोड़ पर आ खड़ी हुई है। जंग के बीच इजरायल और गाजा पट्टी से जो फोटोज़ आ रही हैं, वह डरावनी और दिल को दहला देने वाली हैं। ये फोटोज़ नवजात बच्चों से लेकर स्त्रियों और बुजुर्गों तक के नरसंहार की
भयानक दास्तां बयां कर रही हैं। इसे युद्ध क्राइम बोला जा रहा है और अंतर्राष्ट्रीय मीडिया में इसके विरुद्ध कार्रवाई की मांग होने लगी है।
ऐसे अंतर्राष्ट्रीय युद्ध अपराधों के लिए तरराष्ट्रीय आपराधिक कोर्ट (ICC) जैसी अंतर्राष्ट्रीय संस्था ही ज़िम्मेदारी से काम कर सकती है, जिसे स्वतंत्र समझा जाता है। ICC इन अंतर्राष्ट्रीय अपराधों की जांच कर सकती है और आरोपियों के विरुद्ध केस चला सकती है। गाजा पट्टी में मौजूदा समय में चल रहे संघर्ष की जांच का अधिकार आईसीसी के पास है लेकिन अभी तक यह संस्था चुप है। इंटरनेशनल मीडिया अब आईसीसी से खामोशी तोड़ने और फिलिस्तीन-इजरायल संघर्ष पर एक्शन लेने की मांग कर रहा है।
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इससे पहले साल 2021 में आईसीसी के अभियोजक कार्यालय (OTP) ने फिलिस्तीन की स्थिति की आधिकारिक जांच की थी और अपनी जांच में बोला था कि पूर्वी यरुशलम और गाजा पट्टी समेत वेस्ट बैंक में फिलिस्तीनी और इजरायली हुक्मरानों ने युद्ध क्राइम किए गए हैं और लगातार ऐसे क्राइम किए जा रहे हैं। मानवाधिकार संगठनों के लोग और इंटरनेशनल मीडिया अब ICC के अभियोजक करीम खान को इस मुद्दे में निशाने पर ले रहे हैं और हमास-इजरायल युद्ध पर उनकी चुप्पी पर निशाना साध रहे हैं। लोग पूछने लगे हैं कि आखिर करीम खान की खामोशी कब टूटेगी?
कौन हैं करीम खान?
करीम असद अहमद खान एक ब्रिटिश वकील हैं जो अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक कानून और अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार कानून में विशेषज्ञता रखते हैं। खान फरवरी 2021 से अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक कोर्ट के अभियोजक के रूप में काम कर रहे हैं। उन्हें ICC के उन्नीसवें सत्र में अभियोजक के रूप में चुना गया था। उन्होंने 16 जून 2021 को शपथ ली थी।
इससे पहले खान संयुक्त देश के सहायक महासचिव रह चुके हैं। उन्होंने 2018 से 2021 के बीच इराक में दाएश/ISIL द्वारा किए गए युद्ध अपराधों की जांच की थी और उसकी ज़िम्मेदारी के लिए संयुक्त देश जांच दल के पहले विशेष सलाहकार और प्रमुख के रूप में कार्य किया है। इसी सप्ताह उन्होंने हमास के हमले को भी युद्ध क्राइम बोला था।
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वेयामो फाउंडेशन में सलाहकार और आपराधिक इन्साफ एवं क्राइम विज्ञान और फ्रेजर वैली यूनिवर्सिटी के सहायक प्रोफेसर मार्क केर्स्टन ने अल जजीरा में लिए एक आलेख में करीम खान पर निष्क्रिय रहने का इल्जाम लगाते हुए बोला है कि अब एक्शन का समय आ गया है। आप जागिए, कुछ कीजिए, आपकी आवाज दुनिया के लिए बहुत अर्थ रखती है। आपका कार्यालय भी दुनिया के लिए अर्थ रखता है। इसलिए जग जाइए और इन्सानियत के लिए कुछ सकारात्मक कीजिए।