निर्मला सीतारमण: मोदी सरकार में 81 सरकारी कंपनियों का मार्केट-कैप 225% बढ़ा
वित्त मंत्री सीतारमण ने बोला कि पीएम मोदी की गवर्नमेंट के करीब 10 वर्ष में शेयर बाजार में लिस्टेड राष्ट्र की 81 सरकारी कंपनियों का बाजार कैपिटलाइजेशन 225% बढ़ा है.वहीं, इस दौरान निफ्टी CPSE (नेशनल पब्लिक सेक्टर एंटरप्राइजेज) यानी शेयर बाजार में लिस्ट सरकारी कंपनियों ने 79% का जबरदस्त रिटर्न दिया है.फाइनेंस मिनिस्टर ने यह बात कांग्रेस पार्टी पार्टी और उसके नेता राहुल गांधी के उन आरोपों के उत्तर में बोला है, जिसमें दावा किया जा रहा था कि मोदी गवर्नमेंट में सरकारी कंपनियों को समाप्त कर रही है.
UPA गवर्नमेंट में सरकारी कंपनियां बर्बाद हुईं
निर्मला सीतारमण ने गवर्नमेंट के अचीवमेंट्स गिनाते हुए दो X पोस्ट किए, इसमें उन्होंने कहा, ‘सच्चाई तो यह है कि कांग्रेस पार्टी की नेतृत्व वाली UPA गवर्नमेंट में सरकारी कंपनियां बर्बाद हो रही थीं.‘ अपने X पोस्ट में वित्त साल 2013-14 और 2022-23 की तुलना करते हुए कई फैक्ट्स पेश किए.
- वित्त साल 2014 में सभी CPSE की टोटल पेड-अप कैपिटल यानी शेयर बेचने से मिली राशि ₹1.98 लाख करोड़ थी. 31 मार्च, 2023 तक यह 155% बढ़कर ₹5.05 लाख करोड़ हो गई थी.
- वित्त साल 2014 में सभी सरकारी कंपनियों का संचालन से ग्रॉस रेवेन्यू ₹20.61 लाख करोड़ था, जो फाइनेंशियल ईयर 2023 में 84% बढ़कर ₹37.90 लाख करोड़ हो गया था.
- प्रॉफिट बनाने वाली सरकारी कंपनियों का सही फायदा वित्त साल 2014 में ₹1.29 लाख करोड़ रहा था. फाइनेंशियल ईयर 2023 में यह 87% बढ़कर ₹2.41 लाख करोड़ तक पहुंच गया था.
- एक्साइज और कस्टम ड्यूटिज, GST, कॉर्पोरेट टैक्स, लाभांश के जरिए सरकारी खजाने में सरकारी कंपनियों का सहयोग FY14 में ₹2.20 लाख करोड़ था, जो फाइनेंशियल ईयर 2023 में 108% बढ़कर ₹4.58 लाख करोड़ तक पहुंच गया था.
- 31 मार्च 2014 तक सरकारी कंपनियों की नियोजित पूंजी ₹17.44 लाख करोड़ थी. 31 मार्च 2023 तय यह 119% बढ़कर ₹38.16 लाख करोड़ तक पहुंच गई थी