क्या है वेस्ट नाइल फीवर, जानें इसके लक्षण और बचाव
West Nile Fever : केरल गवर्नमेंट के हेल्थ डिपार्टमेंट ने मंगलवार (7 मई) को राज्य में वेस्ट नाइल फीवर को लेकर अलर्ट जारी किया है. भारतीय एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, राज्य के कोझिकोड, त्रिशूर और मलप्पुरम में छह मुद्दे सामने आए हैं. वहीं, त्रिशूर में इस फीवर से 79 वर्ष के बुजुर्ग की मृत्यु की समाचार है. आइए जानते हैं कि क्या है वेस्ट नाइल फीवर
वेस्ट नाइल फीवर क्या है?
यह रोग ‘क्यूलेक्स’ नामक मच्छर के काटने से होती है. यह रोग फ्लेविवायरस के कारण होती है जो संक्रमित मच्छर के काटने से फैलता है. यह वायरस पक्षियों और जानवरों में भी पाया जाता है. इसके लक्षणों में बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, उल्टी, दस्त और त्वचा पर चकत्ते शामिल हैं.
यह कोई नयी रोग नहीं है क्योंकि इसके मुद्दे अफ्रीका, यूरोप और उत्तरी अमेरिका सहित दुनिया के विभिन्न हिस्सों में मिले हैं. यह ध्यान रखना जरूरी है कि वेस्ट नाइल फीवर के 80% मामलों में कोई लक्षण नहीं दिखते हैं.
वेस्ट नाइल फीवर के लक्षण क्या हैं?
- बुखार
- सिरदर्द
- थकान
- मांसपेशियों में दर्द
- उल्टी
- दस्त
- त्वचा पर चकत्ते
गंभीर मामलों में कुछ अन्य लक्षण शामिल हैं:
- मेनिन्जाइटिस
- इन्सेफेलाइटिस (मस्तिष्क की सूजन)
- मस्तिष्क पक्षाघात
- मृत्यु
वेस्ट नाइल फीवर के बचाव के उपाय:
- मच्छरों से बचाव.
- पूरी बांहों के कपड़े और लंबी पैंट पहनें.
- मच्छर रोधक क्रीम का इस्तेमाल करें.
- घरों में मच्छरदानी का इस्तेमाल करें.
- जमा पानी को जमा न होने दें.
- बुखार, सिरदर्द या उल्टी होने पर चिकित्सक से मिलें.
यह ध्यान रखना जरूरी है कि वेस्ट नाइल फीवर के 10 में से 6 मामलों में कोई लक्षण नहीं दिखते हैं. इसलिए, यदि आपने हाल ही में किसी ऐसे क्षेत्र की यात्रा की है जहां वेस्ट नाइल फीवर का प्रकोप है, तो आपको चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए, भले ही आपको कोई लक्षण न दिख रहे हों.
स्वास्थ्य विभाग लोगों से सतर्कता बरतने और बचाव के तरीका करने की अपील कर रहा है. यदि आपको कोई लक्षण दिखते हैं, तो तुरंत चिकित्सक से मिलें.