यमन की जेल में बंद भारतीय नर्स निमिषा प्रिया की बढ़ी मुश्किलें
क्या है पूरा मामला
निमिषा करीब 12 वर्ष पहले यमन आई थीं। जॉब की वजह से निमिषा यमन में ही रह गईं लेकिन उनके पति और बेटी 2014 में हिंदुस्तान लौट आए। निमिषा ने यमन के एक नागरिक तलाल अब्दो मेहदी के साथ मिलकर यमन में ही एक हॉस्पिटल की आरंभ की।
कुछ ही समय में निमिषा और तलाल के बीच टकराव होने लगे और तलाल ने निमिषा का पासपोर्ट छीन लिया। जब निमिषा ने इस बात की कम्पलेन यमन अथॉरिटी से की तो तलाल ने कह दिया कि वह निमिषा का पति है। जिसके बाद अथॉरिटी ने साफ कह दिया कि ये दंपती का मुद्दा है। इसमें उनका कोई रोल नहीं है।
निमिषा ने कर दी तलाल की हत्या
निमिषा ने कथित तौर पर तलाल अब्दो मेहदी नाम के इस शख्स को बेहोशी का इंजेक्शन देकर मार दिया। निमिषा ने ऐसा इसलिए किया क्योंकि तलाल अब्दो मेहदी के पास उसका पासपोर्ट था और निमिषा पासपोर्ट वापस लेकर हिंदुस्तान वापस लौटना चाहती थी।
निमिषा ने एक शख्स की सहायता से तलाल के मृतशरीर को ठिकाने तो लगा दिया लेकिन इस मुद्दे का पर्दाफाश महज 4 दिन में ही हो गया। जिसके बाद निमिषा अरैस्ट हो गईं और उन्हें मृत्यु की सजा सुनाई गई।
निमिषा की मां ने मांगी थी यमन जाने की इजाजत
हालही में समाचार सामने आई थी कि दिल्ली उच्च न्यायालय ने गुरुवार को केंद्र गवर्नमेंट को अपनी बेटी को मृत्यु की सजा से बचाने के लिए यमन जाने की इच्छुक एक स्त्री के आवेदन पर निर्णय करने के लिए एक हफ्ते का समय दिया है। दरअसल यमन में एक यमनी नागरिक की मर्डर के लिए मृत्यु की सजा पाने वाली भारतीय नागरिक निमिषा प्रिया की मां ने पिछले महीने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था और पीड़ित परिवार के साथ वार्ता करने के लिए पश्चिम एशियाई राष्ट्र की यात्रा की अनुमति मांगी थी। वह अपनी बेटी को मृत्युदंड से बचाने के लिए पीड़ित परिवार को ‘ब्लड मनी’ की पेशकश करके वार्ता करना चाहती है। याचिकाकर्ता गवर्नमेंट द्वारा यमन में भारतीय नागरिकों के आने पर लगाए गए यात्रा प्रतिबंध के बावजूद यमन की यात्रा करने की अनुमति मांग रही हैं।