लियाओनिंग और चीन के अन्य स्थानों में इस नए वायरस के उभरने से बढ़ी चिंता
चीन के वुहान में SARS-CoV-2 कोरोनावायरस के उभरने के बाद दुनिया ने 100 सालों में सबसे खतरनाक महामारी का सामना किया। इसके लगभग चार वर्ष बाद इन्फ्लूएंजा जैसी रोग के फैलने की समाचार आई। लियाओनिंग और चीन के अन्य स्थानों में एक और नए वायरस के उभरने से ये चिंता बढ़ गई है।
ऐसा लगता है कि यह COVID-19 महामारी के शुरुआती दिनों को दोहराया जा रहा है, जब चीन ने विश्व स्वास्थ्य संगठन को तुरंत सूचित करने में बहुत कम रुचि दिखाई थी। चीन का राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग विश्व स्वास्थ्य संगठन को बच्चों में बड़ी संख्या में अज्ञात निमोनिया के मामलों की रिपोर्ट करने में विफल रहा।
2019 की महामारी से समानता वाले कई और संक्रामक रोगों के प्रकोप के लिए सार्वजनिक रूप से कई लोकल मीडिया रिपोर्ट हैं। 2019 की तरह विश्व स्वास्थ्य संगठन चीन से एक डिटेल रिपोर्ट और इसके इलाज की जानकारी के साथ-साथ बच्चों में निमोनिया के मामलों की लेबोरेटरी रिपोर्ट मांगने के लिए विवश होना पड़ा है।
WHO को जानकारी न देने की चीन की अनिच्छा का एक कारण ये हो सकता है कि सांस संबंधी रोग के बढ़ते मुद्दे इन्फ्लूएंजा और सामान्य जीवाणु और वायरल संक्रमण सहित जानने वाले रोगजनकों की वजह से थे।
23 नवंबर को, चीन द्वारा विश्व स्वास्थ्य संगठन के साथ साझा की गई जानकारी से संकेत मिलता है कि बच्चों के केस, और हॉस्पिटल में भर्ती होने की संख्या मई से माइकोप्लाज्मा निमोनिया और अक्टूबर से RSV, एडिनोवायरस और इन्फ्लूएंजा वायरस के कारण थी।
हालांकि, इस वर्ष बच्चों में बीमारियां पैदा करने वाले कई संक्रमण नए नही बल्कि वही पुराने हैं, और न ही इनके इलाज में कुछ अलग है। मामलों में बढ़त “ऐतिहासिक रूप से इस सीजन में पहली बार” हुई है। ऐसा इसलिए हो सकता है क्योंकि पिछले वर्ष दिसंबर में COVID-19 प्रतिबंध हटाए जाने के बाद ये चीन का पहला पूर्ण शीतकालीन मौसम है।
चीन ने दावा किया है कि बच्चों में सांस संबंधी रोग के बढ़ते मामले, पहचान और रिपोर्टिंग मुख्य रूप से माइकोप्लाज्मा न्यूमोनिया सहित विभिन्न प्रकार के वायरस और बैक्टीरिया को कवर करने वाली सांस संबंधी रोंगों के लिए बाह्य बीमार और पुराने मरीजों के बढ़ने में वृद्धि के कारण हैं।
लेकिन यह पिछले महीने असामान्य रूप से मामलों के बढ़ने के बारे में विश्व स्वास्थ्य संगठन को जानकारी देने में में इसकी वजह को साफ नहीं करता है। जबकि चीन ने अक्टूबर में माइकोप्लाज्मा न्यूमोनिया बढ़ने की सूचना दी थी, लेकिन विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा जानकारी मांगे जाने तक मौजूदा प्रकोप की वजह कम साफ थी। चीन बिना पूछे विश्व स्वास्थ्य संगठन को समय पर जानकारी देने के लिए बाध्य है।