गाजा में देश में रह रहे 17 लाख शरणार्थियों के लिए कसाई जैसा बर्ताव
Pakistan hardens on Afghan Refugees: गाजा पट्टी पर इजरायली फौज के आक्रमण के बीच एक तरफ पाक जहां इन्सानियत की दुहाई दे रहा है और गाजा पट्टी में रह रहे 23 लाख लोगों के लिए दया करने की अपील कर रहा है, वहीं अपने ही राष्ट्र में रह रहे 17 लाख शरणार्थियों के लिए कसाई जैसा बर्ताव कर रहा है। पाक की अंतरिम गवर्नमेंट ने गुरुवार को गैरकानूनी अप्रवासियों, खासकर अफगान शरणार्थियों को 31 अक्टूबर तक राष्ट्र छोड़ने का आदेश दिया है। 31 अक्टूबर की समय सीमा के बाद ऐसा नहीं करने पर गिरफ्तारी और निर्वासन की चेतावनी भी दी है।
पाकिस्तान के इस कदम पर अफगान ऑफिसरों की ओर से तीखी प्रतिक्रिया आई है। कई देशों, मानव अधिकार समूहों और अंतर्राष्ट्रीय निकायों ने पाक से इस निर्णय पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया है। अंतरिम गवर्नमेंट में कार्यवाहक गृह मंत्री सरफराज बुगती ने गुरुवार को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, “इस संबंध में (वापसी के लिए) हमारी सभी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं।”
इस महीने की आरंभ में, पाक ने “17 लाख अफगान नागरिकों सहित डॉक्यूमेंट्स नहीं रखने वाले सभी अप्रवासियों” को समय सीमा तक पाक छोड़ने, या जेल और निर्वासन का जोखिम उठाने की चेतावनी दी थी। पाक गवर्नमेंट ने हालांकि बोला कि निर्वासन की घोषणा अफगानों तक ही सीमित नहीं है और यह सभी गैरकानूनी अप्रवासियों पर लागू है लेकिन कार्यवाहक गृह मंत्री ने बृहस्पतिवार को अफगान नागरिकों को गुनेहगार ठहराया।
‘द न्यूज इंटरनेशनल’ ने बुगती का हवाला देते हुए कहा, “इस साल राष्ट्र में हुए 24 आत्मघाती बम विस्फोटों में से 14 के लिए गैरकानूनी अफगान नागरिक उत्तरदायी थे। पाक के लोगों की सुरक्षा गवर्नमेंट की प्रमुख जिम्मेदारी और सर्वोच्च अहमियत है।” ‘डॉन न्यूज’ की समाचार में बोला गया, “पाकिस्तान में रहने वाले गैरकानूनी अप्रवासियों से स्वेच्छा से अपने राष्ट्र लौटने का आग्रह करते हुए बुगती ने बोला कि गवर्नमेंट ने ऐसे व्यक्तियों को वापस भेजने की योजना को आखिरी रूप दे दिया है।”
समय सीमा के निकट आने के बीच “किसी तरह का समझौता नहीं किए जाने” का उल्लेख करते हुए बुगती ने बोला : “अवैध अप्रवासियों को रखने के लिए राष्ट्र भर के विभिन्न शहरों में केंद्र स्थापित किए गए हैं, जबकि स्वेच्छा से पाक छोड़ने वालों क सहायता की जाएगी।” ‘द इंटरनेशनल न्यूज’ ने बुगती को उद्धृत करते हुए कहा, “यह एक चुनौतीपूर्ण कार्य है (लेकिन) पाक सभी गैरकानूनी अप्रवासियों को निष्कासित करने के लिये संकल्पित है।”
बता दें कि कार्यवाहक पीएम अनवारुल अधिकार काकड़ की अध्यक्षता वाली एक शीर्ष समिति की बैठक में सभी गैरकानूनी आप्रवासियों को बाहर निकालने का फैसला लिया गया। बैठक में सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर और अन्य लोग शामिल हुए थे। समिति ने यह भी फैसला लिया कि सीमा पार आवाजाही पासपोर्ट और वीजा के अधीन होगी, जबकि इलेक्ट्रॉनिक अफगान आईडी प्रूफ (या ई-तजकिरा) सिर्फ़ 31 अक्टूबर तक स्वीकार किए जाएंगे।
‘डॉन’ ने बुगती के हवाले से यह भी बोला कि प्रांतों के साथ-साथ इस्लामाबाद, पाक के कब्जे वाले जम्मू और कश्मीर और गिलगित-बाल्टिस्तान में “होल्डिंग सेंटर” बनाए गए हैं और “अवैध अप्रवासियों को चिकित्सा सुविधाएं और भोजन प्रदान किए जाएंगे।” बुगती ने यह भी आश्वासन दिया कि महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों के साथ सम्मानपूर्वक व्यवहार किया जाएगा। ‘डान’ ने अंतरिम गृह मंत्री को उद्धृत करते हुए कहा, “इसलिए पहले चरण में हम उन्हें बाहर निकाल देंगे। हमने उनके लिए होल्डिंग सेंटर बनाए हैं। उन्हें कारावास नहीं भेजा जाएगा… और केंद्र से, उन्हें पाक से बाहर ले जाया जाएगा।”