अमेरिकन अर्थ ऑगर के फेल हो जाने बाद रेस्क्यू में जुटी ऐजेंसियों पर सवाल खड़े
उत्तरकाशी के सिलक्यारा टनल में 10 दिन से फंसे 41 श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए सरकारों की चिंता जगजाहिर है। मगर इस राष्ट्र से बाहर बैठे कुछ ऐसे भी लोग है जो इन हादसे पर पल-पल नजर रखे हुए है। उन्हीं में से एक है ऑस्ट्रेलिया के प्रोफेसर अर्नोल्ड डिक्स। प्रोफेसर डिक्स दो दिन पहले सिलक्यारा टनल पहुंच चुके है। प्रोफेसर अर्नोल्ड डिक्स बीस बरसों से टनल और अंडरग्राउन्ड आपदाओं से जूझते लोगो और संस्थाओं की सहायता कर रहे है।
दो दिन पहले सिलक्यारा टनल के बाहर बाबा बौखनाग के मंदिर के सामने घुटने टेककर पूजा करते इस ऑस्ट्रेलियन प्रोफेसर का वीडियो सामने आया था। प्रोफेसर डिक्स यहां टनल के अंदर गये और उन्होने पूरी स्थिति का जायजा लिया। टनल के अंदर निरीक्षण करने के बाद वह टनल के ऊपरी हिस्से में पहाड़ पर भी पहुंचे। यहीं टनल को वर्टिकली ड्रिल करने का काम जोरों से चल रहा है।
हादसे के छठे दिन अमेरिकन अर्थ ऑगर के फेल हो जाने बाद रेस्क्यू में जुटी ऐजेंसियों पर प्रश्न खड़े होने लगे। मीडिया ने भी ऐजेंसियों को टारगेट किया था। प्रोफेसर अर्नोल्ड डिक्स ने उस समय बोला कि इस टनल में अंदर जाने तक का रास्ता खोजना एक बूढ़े आदमी को बिना बेहोश किये ओपन हार्ट सर्जरी करने जैसा है। थोड़ी सी भी जल्दबाजी श्रमिकों को हमेशा के लिए खतरे में डाल देगी। इसलिए हमें संयम रखकर रेस्क्यू करना है।
प्रोफेसर अर्नोल्ड डिक्स पहले दिन से केन्द्र और राज्य सरकारों के माध्यम से टनल के रेस्क्यू ऑपरेशन से जुड़े है। दो दिन पहले पीएमओ के ऑफिसरों के साथ हुई बैठक में रेस्क्यू के तरीका खोजने में भी उनकी सहायता ली गयी। वह अब रेस्क्यू के लिए की जा रही कोशिशों से संतुष्ट है। उनका बोलना है कि समय जो भी लगे लेकिन हम श्रमिकों को सकुशल बाहर निकाल लेगें। साथ ही, फूड लाइन की उपलब्धता हो जाना रेस्क्यू आपरेशन के लिए एक बड़ी कामयाबी है।
कौन है प्रोफेसर अर्नोल्ड डिक्स-
प्रोफेसर अर्नोल्ड डिक्स का पहला परिचय है कि वह इंटरनेशनल टनलिंग एंड अंडरग्राउन्ड स्पेस एसोसिएशन के अध्यक्ष है। इसके अतिरिक्त वह जाने-माने भूविज्ञान इंजीनियर है। संसार में निर्माण होने वाली टनल और अंडरग्राउन्ड इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए वह भौगौलिक स्थिति के हालात और निर्माण के संबंध में हर जानकारी देने में सक्षम है। वह इन निर्माणों से जुड़े खतरों से जूझने के लिए राय मौजूद कराते है। इतना ही नही, वह अपनी सलाहों और कार्यो की जिम्मेदारी भी लेते है।
प्रोफेसर अर्नोल्ड डिक्स भूविज्ञान के इंजीनियर होने के साथ भूविज्ञान से जुड़े कानूनों के भी ज्ञाता है। आग और जीवन सुरक्षा के क्षेत्र में उनकी विशेष रुचि अर्नोल्ड के दिल के करीब है। अर्नोल्ड को भूमिगत के लिए अधिकतर तरराष्ट्रीय अग्नि और जीवन सुरक्षा मानकों का प्रत्यक्ष ज्ञान है। वह अमेरिका, ब्रिटेन समेत दर्जनों राष्ट्रों में बीते वर्षों में हुई कई घटनाओं के जांचकर्ता भी रहे है।
उनके पास भूमिगत रेल और सड़क सुरंगों से लेकर इस क्षेत्र की इमारतों तक राय देने का सालों का अनुभव है। उनके साथी उन्हें इस क्षेत्र का जानकार मानते हैं।
अर्नोल्ड डिक्स को मिले सम्मान-
जून 2022 में अर्नोल्ड को एनएफपीए कोड और मानकों के विकास में एनएफपीए की विशिष्ट सेवा की मान्यता और सराहना में विशेष उपलब्धि और समिति सेवा पुरस्कार के मानकों में एनएफपीए समिति के सहयोग के लिए एनएफपीए सर्वोच्च पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
मार्च 2011 में अर्नोल्ड को टनलिंग (सुरंग अग्नि सुरक्षा) में उत्कृष्टता और दुनिया में अग्नि सुरक्षा में उनके सहयोग के लिए एलन नेलैंड ऑस्ट्रेलेशियन टनलिंग सोसाइटी के द्वि-वार्षिक पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। यह ऑस्ट्रेलिया में सुरंग बनाने वाले पेशेवरों के लिए सर्वोच्च सम्मान है।
वह ब्रिटिश इंस्टीट्यूट ऑफ इन्वेस्टिगेटर्स के सदस्य हैं। अर्नोल्ड ने दशकों तक ITA, FIDIC, PIARC और NFPA की समितियों और कार्य समूहों में काम किया है। वह सभी महाद्वीपों पर एक्टिव हैं, जानकार अंडरग्राउंड वर्क्स चैंबर्स के सदस्य, विक्टोरियन बार के सदस्य और टोक्यो सिटी यूनिवर्सिटी में इंजीनियरिंग (सुरंगों) के विजिटिंग प्रोफेसर हैं।