अंतर्राष्ट्रीय

यूक्रेन के खिलाफ युद्ध शुरू करने के बाद से हुई आधी दुनिया रूस के खिलाफ

Russian Children Preparing for War- यूक्रेन के विरुद्ध युद्ध प्रारम्भ करने के बाद से करीब आधी दुनिया रूस के विरुद्ध होती जा रही है पश्चिमी राष्ट्रों और अमेरिकी धमकियों से घिरे रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन अब राष्ट्र के बच्चों से लेकर युवाओं को सेना में भर्ती करने का स्वप्न देख रहे हैं उनके आदेश पर युवा बीते कुछ महीनों से बड़ी संख्या में मिलिट्री जॉइन कर रहे हैं अब नन्हें-मुन्ने बच्चों को भी सेना की तालीम जा रही है रूसी विद्यालयों में खेल के मैदान परेड मैदान बनते जा रहे हैं प्रशांत महासागर से लेकर काला सागर तक के विद्यालयों में नर्सरी कक्षा के बच्चे वर्दी पहन रहे हैं और मार्चिंग अभ्यास में भाग ले रहे हैं बच्चों को खाई खोदना, हथगोले फेंकना और वास्तविक गोला-बारूद से गोली चलाना सिखाया जा रहा है

रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध ने पूरी दुनिया को प्रभावित किया है खासकर इन दोनों राष्ट्रों को पूरी तरह से बदल दिया है यूक्रेन अपनी जमीन बचाने के लिए अंतिम सांस तक झोंकने को तैयार है दूसरी तरफ बड़ी संख्या में अपनों को खोने के बावजूद रूस के कदम भी रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं व्लादिमीर पुतिन की गवर्नमेंट सैनिकों की संख्या कम न हो, इसके लिए युवाओं को तरह-तरह के प्रलोभन देकर सेना में भर्ती किया जा रहा है अब तो नन्हें-मुन्ने बच्चों को भी सेना में लाने की तैयारी पूरे बल से चल रही है राष्ट्र भर के विद्यालयों में, सशस्त्र बलों में सेवा का महिमामंडन किया जा रहा है, किशोरों की “स्वैच्छिक कंपनियां” बनाई जा रही हैं और मातृभूमि की रक्षा पर बल देने के लिए राष्ट्रीय पाठ्यक्रम में परिवर्तन किया गया है

किताबों में सेना का महिमामंडन
कुल मिलाकर रूस के बच्चों को युद्ध के लिए तैयार किया जा रहा है  यूक्रेन पर रूसी आक्रमण के बाद से रूस के पब्लिक विद्यालयों का सैन्यीकरण तेज हो गया है, जो देशभक्ति की भावना की सहज वृद्धि से नहीं, बल्कि मॉस्को में गवर्नमेंट द्वारा प्रेरित है विद्यालय में मातृभूमि से प्रेरित पाठ्यक्रम और सेना का महिमामंडन भी शामिल है अगस्त में, राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने विद्यालयों में एक नया जरूरी पाठ्यक्रम “मातृभूमि की सुरक्षा और रक्षा के बुनियादी सिद्धांत” प्रारम्भ करने वाले कानून पर हस्ताक्षर किए थे

स्कूल के खेल मैदानों में सेना की ट्रेनिंग
शिक्षा मंत्रालय ने बाद में इस पहल के हिस्से के रूप में सेना इकाइयों के भ्रमण, “सैन्य-खेल खेल, सेना कर्मियों और दिग्गजों के साथ बैठकें” और ड्रोन पर कक्षाएं शामिल करने के लिए पाठ्यक्रमों को बढ़ावा दिया है सीएनएन की रिपोर्ट है कि मंत्रालय के अनुसार, हाई-स्कूल के विद्यार्थियों को “फायरिंग लाइन पर अनुभवी सेना ऑफिसरों की देखरेख में” गोला बारूद का इस्तेमाल करना सिखाया जा रहा है

सात से आठ वर्ष के बच्चे सीख रहे बंदूक चलाना
रूस में क्षेत्रीय और सोशल मीडिया पर सर्वेक्षण में पाया गया कि सात या आठ वर्ष की उम्र के बच्चे सेना प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं सेना और नौसेना की वर्दी में मार्च कर रहे हैं रूस में बच्चों को युद्ध में सहयोग की बातें सिखाई जा रही है उधर, क्षेत्रीय सरकारी मीडिया इन सभी गतिविधियों को यूक्रेन के विरुद्ध अभियान के समर्थन में देशभक्ति की भावना के रूप में दिखाने की प्रयास कर रहा है

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