अंतर्राष्ट्रीय

पाकिस्तानी चावल में निकला कीड़ा, रूस ने दी कड़ी चेतावनी

रूस ने चावल की खेप में कीड़ा लगा मिलने के बाद पाक को चेतावनी दी है कि यदि उसने भविष्य में आने वाली खेपों में ‘फाइटोसैनिटरी’ (फसल की स्वच्छता प्रक्रिया) पर ध्यान नहीं दिया तो वह चावल के आयात पर प्रतिबंध लगा देगा. रूस की पशुचिकित्सा एवं फाइटोसैनिटरी नज़र संघीय सेवा (एफएसवीपीएस) ने पाक से आयातित चावल की एक खेप को लेकर अंतर्राष्ट्रीय और रूसी फाइटोसैनिटरी आवश्यकताओं के उल्लंघन के संबंध में एक अधिसूचना जारी की है, जिसके बाद यह चेतावनी दी गई है.

पाकिस्तान दूतावास को लिखा पत्र

बता दें कि दो अप्रैल को जारी अधिसूचना में चावल की खेप में एक जीव, “मेगासेलिया स्केलारिस (लोव)” होने की बात कही गई थी. रूस में स्थित पाक दूतावास के व्यापार प्रतिनिधि को मुद्दे की तुरन्त जांच करने के लिए बोला गया. रूसी ऑफिसरों ने इस तरह के उल्लंघनों को रोकने और दोनों राष्ट्रों के बीच व्यापार में इस्तेमाल किए जाने वाले कृषि उत्पादों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी पाकिस्तानी चावल निर्यातकों को ‘फाइटोसैनिटरी’ मानकों का पालन करने के लिए पाक दूतावास को एक पत्र लिखा है.

संभावित प्रतिबंध लगाने की दी चेतावनी 

मॉस्को में पाकिस्तानी दूतावास की व्यापार शाखा ने खाद्य सुरक्षा मंत्रालय और अन्य संबंधित सरकारी कार्यालयों के पादप संरक्षण विभाग (डीपीपी) को रूसी प्राधिकरण का पत्र भेजते हुए रूसी ऑफिसरों की ओर से अधिक शिकायतें प्राप्त होने पर भविष्य में चावल निर्यात पर संभावित प्रतिबंध लगाने की चेतावनी दी है. रूस ने इससे पहले स्वास्थ्य सुरक्षा कारणों से 2019 में पाक से चावल आयात पर प्रतिबंध लगाया था. इसी तरह दिसंबर 2006 में रूस ने खाद्य सुरक्षा मानकों पर खरा नहीं उतरने को लेकर पाक से चावल का आयात रोक दिया था.

पैकेजिंग में सावधानी बरतने की जरूरत

वहीं पाक चावल निर्यातक संघ के अध्यक्ष चेला राम केवलानी ने बोला कि पाकिस्तानी चावल निर्यातकों को निर्यात के लिए सभी चावलों के चुनाव और पैकेजिंग में बहुत सावधानी बरतने की आवश्यकता है. उन्होंने बोला कि पिछले वर्ष हिंदुस्तान द्वारा गैर-बासमती चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने से पाक को लाभ हुआ था, क्योंकि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चावल का जितना कारोबार होता है, उसमें हिंदुस्तान की हिस्सेदारी लगभग 40 फीसदी है. पिछले साल, हिंदुस्तान ने सफेद गैर-बासमती चावल के निर्यात पर पाबंदी लगा दी थी.

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