नासा ढूंढ रही नए अंतरिक्ष यात्री, ऐसे करें आवेदन
गगनयान के अनुसार हिंदुस्तान अंतरिक्ष में एस्ट्रोनॉट भेजने की तैयारी कर रहा है। अगले वर्ष तीन भारतीय अंतरिक्ष के यात्रा पर जाएंगे। लेकिन क्या आपको पता है कि अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा भी नए अंतरिक्ष यात्री ढूंढ रही है। इसके लिए आवेदन मांगे गए हैं। यदि आप भी अंतरिक्ष के यात्रा पर जाने की ख्वाहिश रखते हैं, तो इसके लिए आवेदन कर सकते हैं। लेकिन उससे पहले योग्यता भी जान लीजिए। ये भी जानिए कि यदि आपमें वह क्षमता है तो आवेदन कैसे करें?
डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक, नासा लगभग 60 वर्ष से अपने एस्ट्रोनॉट को स्पेस में भेज रही है। अब तक करीब 2000 अंतरिक्ष यात्री वहां भेजे जा चुके हैं। इनमें से कई तो सालों तक इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर गुजारकर आए हैं। अब नासा 2030 तक मंगल ग्रह और चांद पर अंतरिक्ष यात्री भेजने की तैयारी कर रही है। आर्टेमिस कार्यक्रम के अनुसार चंद्रमा पर एक स्त्री और एक पुरुष एस्ट्रोनॉट भेजा जाएगा। इसी के लिए नासा ने आवेदन मांगे हैं। इच्छुक लोग 2 अप्रैल तक आवेदन कर सकते हैं।
हर वर्ष 1.25 करोड़ रुपये सैलरी भी
नासा ने कहा कि यह पूर्णकालिक पद होगा। इसके लिए हर वर्ष 1.25 करोड़ रुपये सैलरी भी मिलेगी। आवेदन करने के लिए आपका पहले से एस्ट्रोनॉट होना महत्वपूर्ण नहीं है। लेकिन नासा के चयन के मानदंड कड़े हैं। आवेदकों को इंजीनियरिंग, बॉयोलॉजिकल साइंस, फिजिकल साइंस, कंप्यूटर साइंस या मैथ्स में मास्टर डिग्री होनी चाहिए। लेकिन सबसे खास बात, उसे अमेरिकी नागरिक होना जरूरी है। इन विषयों में यदि पीएचडी हैं तो फिर और बेहतर। मेडिसिन के क्षेत्र में काम करने वाले लोग, या पायलट भी इसके लिए आवेदन कर सकते हैं।
एस्ट्रोनॉट चांद की सतह पर उतरेगा
इसके अतिरिक्त आवेदक को शरीरिक रूप से फिट होना चाहिए। उसकी दृष्टि बेहतर होनी चाहिए। ब्लड प्रेशर की दिक्कत नहीं होनी चाहिए। नासा के टेक्सास कार्यालय में उसे अंतरिक्ष यात्री बनने के लिए दो वर्ष की ट्रेनिंग दी जाएगी। स्पेस में चलने और रोबोटिक्स का इस्तेमाल करने का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके बाद वे एस्ट्रोनॉट की कोर टीम का हिस्सा बन जाएंगे। चयनित लोग आर्टेमिस कार्यक्रम के अनुसार चंद्रमा या मंगल ग्रह पर जाने के लिए चुने जा सकते हैं। लेकिन इससे पहले उन्हें तरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर भेजा जाएगा। आर्टेमिस II सितंबर 2025 में प्रारम्भ होगा, जो चार अंतरिक्ष यात्रियों को चंद्रमा के चारों ओर ले जाएगा और फिर वापस लेेआएगा। फिर सितंबर 2026 आर्टेमिस III भेजा जाएगा। जिसमें एस्ट्रोनॉट चांद की सतह पर उतरेगा।