अंतर्राष्ट्रीय

दुनिया में कमजोर हो रही है US नेतृत्व की स्थिति, अमेरिका ने जताई चिंता 

  है कि प्रौद्योगिकी एवं अन्य क्षेत्रों में योगदान से हिंदुस्तान और अमेरिका के बीच साझेदारी नयी ऊंचाई पर पहुंच गई है. सुलिवन ने व्हाइट हाउस में एक प्रेस कॉन्फ्रेस के दौरान कहा, ‘‘ब्रिक्स में शामिल राष्ट्र हिंदुस्तान और अमेरिका के बीच साझेदारी प्रौद्योगिकी, सुरक्षा और कई अन्य क्षेत्रों में योगदान के कारण नयी ऊंचाइयों पर पहुंच गए है.’’ ब्रिक्स दुनिया की तेजी से उभरती अर्थव्यवस्थाओं का एक समूह है. ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका, मिस्र, इथियोपिया, ईरान और संयुक्त अरब अमीरात इसके सदस्य हैं.

‘दुनिया में कमजोर पड़ रहा है अमेरिकी नेतृत्व?’

सुलिवन से पूछा गया कि ईरान, मिस्र, संयुक्त अरब अमीरात और इथियोपिया के ब्रिक्स में शामिल होने और सऊदी अरब के इसका हिस्सा बनने पर विचार करने के मद्देनजर क्या दुनिया में अमेरिकी नेतृत्व की स्थिति कमजोर हो रही है. इसके उत्तर में सुलिवन ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि यदि आप दुनिया के प्रमुख क्षेत्रों में अमेरिका की किरदार और उसके संबंधों को देखें, तो हम अपनी स्थिति को देखकर अच्छा महसूस करते हैं.’’

‘नाटो को बड़ा बनाया’

सुलिवन ने कहा, ‘‘यदि आप देखें कि नाटो में क्या हुआ है, हमने नाटो को पहले से कहीं अधिक बड़ा बना दिया है, यदि आप देखें कि इस हफ्ते क्या हो रहा है, तो अमेरिका, जापान और फिलीपीन की एक ऐतिहासिक त्रिपक्षीय बैठक हो रही हैं. यदि आप हिंद-प्रशांत क्षेत्र पर नजर डालें, तो पाएंगे कि कैसे हमने ना सिर्फ़ पारंपरिक सहयोगियों के साथ, बल्कि वियतनाम, इंडोनेशिया, आसियान (दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों का संगठन) के सदस्य राष्ट्रों के साथ भी अपने संबंधों को मजबूत किया है.’’

अमेरिका ने जताई चिंता 

सुलिवन ने बोला कि अमेरिका ने रूस के रक्षा औद्योगिक आधार को सहायता देने के संबंध में चीन के सामने अपनी चिंता व्यक्त की है. उन्होंने कहा, ‘‘हमने कोई सबूत नहीं देखा है कि वो रूस को सीधे सेना सहायता प्रदान करेंगे, लेकिन हमने रूस के रक्षा औद्योगिक आधार को सहायता देने को लेकर चिंता व्यक्त की है जिसके बारे में अमेरिका के रक्षा मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने पिछले हफ्ते यूरोप में काफी कारगर ढंग से बात की थी.’’ भाषा

 

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