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जिनपिंग की हिमाकत पर अब भारत ने उसी भाषा में दिया ये जवाब

अरुणाचल प्रदेश के सुंदर पहाड़, घुमावदार रास्ते, झरने, नदियां, इसे हिंदुस्तान के सबसे खूबसूरत राज्यों में से एक माना जाता है. हिंदुस्तान का चीन पर बड़ा वार देखने को मिला है. चीन ने अरुणाचल प्रदेश पर वही पुराना खोखला दावा किया. अरुणाचल प्रदेश में जगहों के नाम बदलकर पुराने दावे को नए पैकेट में परोसा है. चीन ने एक बार फिर अरुणाचल प्रदेश को अपना हिस्सा बताने की प्रयास की है. चीन ने अरुणाचल प्रदेश के 30 जगहों के नाम बदल दिए हैं. हिंदुस्तान की तरफ से भी इसपर तगड़ा रिस्पॉन्स देखने को मिला है. हिंदुस्तान ने बोला है कि नाम बदलने से घर नहीं बदलता है.

चीन ने जिन 30 जगहों के नाम बदले हैं उनमें 11 रिहायशी इलाके, 12 पर्वत, 4 नदियां, 1 पर्वत और 1 पहाड़ों से निकलने वाला रास्ता है. चीन ने इन सभी नामों को चीनी भाषा, तिब्बत और रोमन में जारी किया है. पिछले सात वर्षों में अरुणाचल को अपना हिस्सा बताने का दुस्साहस चीन ने चौथी बार किया है. चीन द्वारा अरुणाचल प्रदेश में विभिन्न स्थानों के 30 नए नामों की चौथी सूची जारी करने के एक दिन बाद हिंदुस्तान ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की और बोला कि मनगढ़ंत नाम बताने से अरुणाचल प्रदेश की वास्तविकता नहीं बदलेगी. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल द्वारा जारी एक बयान में नयी दिल्ली ने चीन के दावों को संवेदनहीन करार दिया और पुष्टि की कि अरुणाचल प्रदेश हिंदुस्तान का अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा है, है और हमेशा रहेगा.

जयशंकर ने बल देकर बोला कि स्थानों के नाम बदलने से कोई असर नहीं पड़ेगा और दोहराया कि पूर्वोत्तर राज्य हमेशा हिंदुस्तान का अभिन्न अंग था, है और रहेगा. जयशंकर ने गुजरात में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए बोला कि  यदि आज मैं आपके घर का नाम बदल दूं, तो क्या वह मेरा हो जाएगा? अरुणाचल प्रदेश हिंदुस्तान का राज्य था, है और रहेगा. नाम बदलने से कोई असर नहीं पड़ता. हमारी सेना वहां (वास्तविक नियंत्रण रेखा पर) तैनात है.

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