दारफुर बड़े पैमाने पर नरसंहार की कगार पर है- अमेरिका ने दी चेतावनी
संयुक्त राष्ट्र: अमेरिका ने सूडान के संघर्षरत दलों को हथियारों की आपूर्ति करने वाले सभी राष्ट्रों से ऐसा ना करने का आग्रह किया है. अमेरिका ने चेतावनी दी कि पश्चिमी दारफुर क्षेत्र में इतिहास स्वयं को दोहरा रहा है, जहां 20 साल पहले नरसंहार हुआ था. अमेरिकी राजदूत लिंडा थॉमस-ग्रीनफील्ड ने संयुक्त देश सुरक्षा परिषद की एक इमरजेंसी बैठक के बाद संवाददाताओं से बोला कि दारफुर की राजधानी एल फशर ही एकमात्र ऐसी स्थान है, जो संघर्षरत बलों के कब्जे में नहीं है. उन्होंने बोला कि दारफुर बड़े पैमाने पर नरसंहार की कगार पर है.
कई गांवों को किया गया तबाह
अमेरिकी राजदूत ने सभी राष्ट्रों से इस खतरे को समझने का आग्रह किया. उन्होंने बोला कि एक बहुत बड़ा संकट पैदा हो रहा है. थॉमस ग्रीनफील्ड ने बोला कि ऐसी पुख्ता खबरें मिल रही हैं कि ‘पैरामिलिट्री रैपिड सपोर्ट फोर्स’ और उनके सहयोगी लड़ाकों ने एल फशर के पश्चिम में कई गांवों को तबाह कर दिया है और एल फशर पर जोरदार हमले की योजना बना रहे हैं.
‘हमला गंभीर आपदा होगा’
ग्रीनफील्ड ने चेतावनी दी, ” एल फशर पर धावा एक गंभीर आपदा होगा.” उन्होंने बोला कि यह धावा एल फशर में रहने वाले 20 लाख लोगों और वहां शरणार्थियों के रूप में रह रहे पांच लाख सूडानी लोगों को खतरे में डाल देगा. ग्रीनफील्ड ने संघर्षरत बलों से एल फशर पर कब्जे की योजना को खत्म करने और शहर पर किसी भी तरह का धावा नहीं करने का आग्रह किया है.
रुकनी चाहिए हिंसा
ग्रीनफील्ड ने संघर्षरत बलों और प्रतिद्वंदी सरकारी बलों से अत्याचार को तुंरत रोकने और उन्हें आपस में सीधी बातचीत, नागरिकों की सुरक्षा और मानवीय सहायता तक पहुंच को प्रारम्भ करने के लिए कदम उठाने का आग्रह किया है. उन्होंने बोला कि वार्ता के जरिए अकाल की कगार पर पहुंच चुके 50 लाख सूडानी लोगों और अन्य एक करोड़ लोगों की जरूरतों को पूरा किया जा सकता है.