अंतर्राष्ट्रीय

चीन ने सीरिया में ईरानी वाणिज्य दूतावास पर हमले की “कड़ी निंदा” करते हुए कहा…

Iran attack on Israel: इजरायल पर ईरान के हमले के बाद पश्चिम एशिया में तनाव रोकने के लिए अमेरिका, संयुक्त देश समेत पूरे विश्व के राष्ट्र लगे हुए हैं पूरी दुनिया ईरान-इजरायल हमले के मुद्दे में दो भागों में बंटती हुई नजर आ रही है कई राष्ट्रों ने ईरान की आलोचना करते हुए इजराइल को अपना समर्थन देने की बात की है वहीं, कुछ ऐसे भी राष्ट्र हैं जिन्होंने इस हमले में ईरान का पक्ष लिया है

चीन ने ईरान को किया फोन
चीन खुलकर ईरान का साथ दे रहा है तभी तो उसने टेलीफोन पर 1 अप्रैल को हुए हमले का विरोध जताया है, चीन ने मंगलवार को सीरिया में ईरानी वाणिज्य दूतावास पर हमले की “कड़ी निंदा” करते हुए बोला कि यह “अंतर्राष्ट्रीय कानून का गंभीर और अस्वीकार्य उल्लंघन” है

इजरायल पर हमले का समर्थन
चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने ईरानी विदेश होसैन अमीर-अब्दुल्लाहियन से वार्ता में बोला कि ईरान का धावा सीमित था और आत्मरक्षा की कार्रवाई थी चीन इसके आगे भी कहता है कि ईरान ने स्थिति को अच्छी तरह से संभाला और अपनी संप्रभुता और गरिमा की रक्षा करते हुए क्षेत्र को और अशांति से बचाया है चीन की यह प्रतिक्रिया पश्चिम एशिया में बढ़ती अत्याचार और ईरान-इजरायल के बीच मौजूदा स्थिति के बीच आई है

सबसे पहले जानें एक अप्रैल को हुआ क्या?
एक अप्रैल को सीरिया की राजधानी दमिश्क में दूतावास परिसर पर एक हवाई धावा हुआ इस हमले में एक शीर्ष ईरानी जनरल और छह अन्य ईरानी सेना ऑफिसरों की मृत्यु हो गई थी जिसके बाद ईरान इस हमले का विरोध जताने लगा बात यहां तक पहुंची कि ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने कसम खा लिया कि इस हमले को इजरायल ने किया है और हम इस हमले का उत्तर देंगे खामेनेई का बोलना था कि इजराइल को दंडित किया जाना चाहिए, क्योंकि यह धावा सीरिया पर नहीं ईरानी धरती पर हमले के समान है ईरान ने अपनी कसम पूरी करते हुए शानिवार को इजरायल पर अपने पहले सीधे हमले में विस्फोटक ड्रोन और मिसाइलें लॉन्च की इसके बाद दोनों राष्ट्रों के बीच तनाव बढ़ा हुआ है

ईरान ने इजरायल पर किया था हमला
इस्लामिक रिपब्लिक ईरान ने शनिवार रात इजरायल के पूरे क्षेत्र में लगभग 350 ड्रोन और मिसाइलें दागीं, जिससे पूरे राष्ट्र में सायरन बजने लगे, इजरायल पर धावा इराक, सीरिया, लेबनान और यमन से किया गया यही से ड्रोन और मिसाइलें लॉन्च की गईं इनमें 170 ड्रोन, 120 बैलिस्टिक मिसाइलें और 60 टन से अधिक विस्फोटक वाली 30 मिसाइलें शामिल थीं इजराइल में 350 बैलिस्टिक मिसाइलें, क्रूज मिसाइलें, ड्रोन और रॉकेट दागे थे आईडीएफ ने बोला है कि इनमें से 99 फीसदी को इजराइल क्षेत्र में पहुंचने से पहले ही रोक दिया गया और विफल कर दिया गया

अब समझे ईरान के तरफ चीन क्यों है? 
ईरान के ऑयल का चीन बहुत बड़ा ख़रीदार है और चीन करोड़ों $ का निवेश ईरान में कर रहा है दोनों राष्ट्रों ने 2021 में 25 वर्षों के लिए एक व्यापक रणनीतिक  और आर्थिक योगदान योजना पर समझौता किया था जिसके अनुसार चीन ईरान में क़रीब 400 अरब $ का निवेश करेगा बदले में ईरान अंतरराष्ट्रीय दरों के मुक़ाबले कम क़ीमत पर चीन को तेल, गैस और पेट्रो-केमिकल उत्पाद उपलब्ध कराएगा

अमेरिका का ईरान और चीन का विरोध
अमेरिका से ईरान की बनती नहीं है, दूसरी तरफ चीन और अमेरिका में बनती नहीं है यही वजह है ईरान और चीन आपस में मिले हुए हैं अमेरिका की इजरायल से खूब अच्छे से बनती है, इसलिए जब अमेरिका पूरी तरह इजरायल का साथ निभा रहा है तो चीन अपनी दोस्ती को पक्की करने के लिए ईरान का समर्थन कर रहा है

अमेरिका से नाराजगी
ईरान और चीन की अमरीका के प्रति नाराज़गी नयी नहीं है ईरानी मंत्रालय से सम्बद्ध संस्था इंस्टिट्यूट फोर ट्रेड स्टडीज़ ऐंड रिसर्च ने वर्ष 2012 में ही अपने एक लेख में बोला था कि चीन और ईरान का सहयोगी होना स्वाभाविक है क्योंकि दोनों ही अमरीकी और पश्चिमी राष्ट्रों के प्रभुत्व से नाख़ुश हैं ईरानी विदेश मंत्रालय का बोलना था कि चीन दुनिया की सबसे ताक़तवर अर्थव्यवस्था है और ईरान पश्चिमी एशिया की सबसे बड़ी ताक़तों में से है ये दोनों ताक़तें मिलकर ‘धौंस जमाने वाली ताक़तों’ (अमरीका) के दबाव को ख़त्म करेंगी

ईरान पर ताजा प्रतिबंध लगाने की तैयारी में अमेरिका
अमेरिकी वित्त मंत्री जेनेट येलेन ने बोला कि उनका विभाग इजरायल पर हमले के उत्तर में सहयोगियों के साथ ईरान की खतरनाक और अस्थिर करने वाली गतिविधियों को बाधित करने में संकोच नहीं करेगा इसके साथ ही इजरायल और अमेरिका ईरान पर ताजा प्रतिबंध लगाने की तैयारी भी कर रहे हैं

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