इक्वाडोर पुलिस की कार्रवाई पर दुनिया ने क्या कहा…
Ecuador Mexico Relations: मेक्सिको और इक्वाडोर के राजनयिक संबंध रसातल में जा पहुंचे हैं। शुक्रवार को इक्वाडोर की पुलिस मेक्सिको एंबेसी में जबरन दाखिल हुई थी। भीतर से इक्वाडोर के पूर्व उपराष्ट्रपति को हथकड़ियों में बाहर लाया गया। इक्वाडोर का वियना कन्वेंशन का ऐसा माखौल बनाना पूरी दुनिया को दंग कर गया। मेक्सिको के राष्ट्रपति एंड्रेस मैनुअल लोपेज ओब्रेडोर ने इक्वाडोर से डिप्लोमेटिक संबंध तोड़ने का घोषणा किया। विदेश सचिव ने बोला कि इक्वाडोर के इस कदम को द हेग की वर्ल्ड न्यायालय में चुनौती दी जाएगी। इक्वाडोर की राजधानी क्विटो में मेक्सिकन कांसुलर सेक्शन के प्रमुख रॉबर्टो कैंसेको ने पुलिस रेड के बाद मीडिया से कहा, ‘ऐसा नहीं हो सकता। ये नहीं हो सकता। यह पागलपन है’। शुक्रवार देर रात इक्वाडोर की पुलिस मेक्सिकन दूतावास का दरवाजा तोड़कर भीतर घुसी थी। पुलिस ने इक्वाडोर के पूर्व उपराष्ट्रपति जॉर्ज ग्लास को अरैस्ट कर लिया। ग्लास ने दिसंबर से मेक्सिको एंबेसी में सियासी शरण ले रखी थी। उन पर करप्शन के इल्जाम हैं।
मेक्सिको ने छापेमारी से कुछ घंटों पहले ही ग्लास को शरण दी थी। ग्लास की वकील सोनिया वीरा ने बोला कि पुलिस उनके कमरे का दरवाजा तोड़कर घुस आई। जब पुलिस ने हाथ पीछे करने की प्रयास की तो ग्लास ने विरोध किया। वकील के मुताबिक, पुलिस ने ‘धक्का देकर ग्लास को फर्श पर गिरा दिया।। सिर पर, पीठ पर, पैर पर, हाथ पर… कई बार लातें मारीं और जब वह चल नहीं पाए तो पुलिस उन्हें घसीटते हुए बाहर ले गई’।
मेक्सिको की विदेश सचिव एलिसिया बार्सेना ने X (पहले ट्विटर) पर लिखा कि पुलिस रेड के दौरान, कई डिप्लोमेट्स को भी चोटें आई हैं। बार्सेना ने बोला कि इक्वाडोर पुलिस की कार्रवाई वियना कन्वेंशन का उल्लंघन करती है।
क्या मेक्सिको की एंबेसी में घुसकर इक्वाडोर की पुलिस ने पार की ‘रेड लाइन’?
दूतावास और अन्य राजनयिक इमारतों को किसी राष्ट्र की संप्रभु जमीन माना जाता है। राजनयिक संबंधों की वियना संधि के अनुसार, डिप्लोमेटिक इमारतें विदेशी जमीन समझी जाती हैं। मेजबान राष्ट्र की कानूनी एजेंसियों को राजदूत की इजाजत के बिना भीतर दाखिल होने की अनुमति नहीं है। शरण लेने की चाह रखने वाले लोग पूरे विश्व के दूतावासों में रहते हैं। कई को कुछ दिन में शरण मिल जाती है तो बहुतों को वर्षों तक प्रतीक्षा करना पड़ता है। इक्वाडोर के लंदन वाले दूतावास का ही उदाहरण लीजिए। जहां विकीलीक्स वाले जूलियन असांजे सात वर्ष तक रहे। यूनाइटेड किंगडम की पुलिस उन्हें भीतर घुसकर अरैस्ट नहीं कर पाई।
अमेरिका समेत कई राष्ट्रों के राष्ट्रपतियों और डिप्लोमेट्स ने इक्वाडोर के इस एक्शन की आलोचना की है। US विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने बोला कि ‘अमेरिका वियना कन्वेंशन के किसी भी उल्लंघन की आलोचना करता है। होंडुरास के राष्ट्रपति शियोमारा कास्त्रो ने छापे को ‘मेक्सिकन स्टेट की संप्रभुता का उल्लंघन’ बताया। अमेरिकी राज्यों के संगठन ने एक बयान में अपने सदस्यों को, जिनमें इक्वाडोर और मेक्सिको शामिल हैं, अपने दायित्व की याद दिलाई। बयान में बोला गया है कि वे ‘अपने अंतर्राष्ट्रीय दायित्वों के गैर-अनुपालन को मुनासिब ठहराने के लिए घरेलू कानून के मानदंडों का सहारा न लें।‘
इक्वाडोर के राष्ट्रपति ने लिया था फैसला
ग्लास पर 2016 के भूकंप के बाद रीकंस्ट्रकशन मैनेजमेंट में गड़बड़झाला करने का इल्जाम है। घूसखोरी और करप्शन के अन्य मामलों में उन्हें गुनेहगार ठहराया जा चुका है। इक्वाडोर की विदेश मंत्री गैबरिएला सोमरफील्ड ने शनिवार को बोला कि एंबेसी में घुसने का निर्णय राष्ट्रपति डेनियल नूबा ने लिया था। इक्वाडोर के मुताबिक, मेक्सिको के साथ सभी तरह की डिप्लोमेटिक वार्ता बेनतीजा साबित हुई थी। शनिवार को गिलास को गुआयाकिल ले जाया गया। यहां वह मैक्सिमम सिक्योरिटी वाली कारावास में हिरासत में रहेंगे।