क्यों इन मरीजों में खून के थक्के जमने का बढ़ा खतरा
अध्ययन में यह भी पाया गया कि Covid-19 से पीड़ित लोगों में 2MBC की मात्रा अधिक होती है। इससे यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि क्यों इन रोगियों में खून के थक्के (Blood clots) जमने का खतरा बढ़ जाता है।
खून के थक्के जमना दिल का दौरा और स्ट्रोक जैसी गंभीर रोंगों का कारण
खून के थक्के (Blood clots) जमना दिल का दौरा और स्ट्रोक जैसी गंभीर रोंगों का कारण बन सकता है। Covid-19 और मधुमेह जैसी रोंगों से खून के थक्के जमने का खतरा बढ़ जाता है, लेकिन इसके पीछे की वजह अभी तक पूरी तरह से समझ में नहीं आई थी।
पहले के अध्ययनों में पाया गया था कि पेट के बैक्टीरिया (Stomach bacteria) से बनने वाले कुछ पदार्थ खून को जमने में सहायता करने वाली कोशिकाओं को अधिक एक्टिव बना सकते हैं, जिससे खून के थक्के जमने का खतरा बढ़ जाता है।
चूंकि Covid-19 (Covid-19 )और मधुमेह (Diabetes) जैसी रोंगों में पेट के बैक्टीरिया में परिवर्तन होता है, इसलिए शोधकर्ताओं को संदेह था कि इसका खून के थक्के जमने के खतरे से कोई संबंध हो सकता है।
शोधकर्ताओं ने चूहों पर भी प्रयोग किया और पाया कि 2MBC खून को अधिक शीघ्र जमा देता है। इसके अलावा, जब चूहों को एंटीबायोटिक दी गई, जिससे उनके पेट के बैक्टीरिया कम हो गए, तो उनके खून में 2MBC की मात्रा कम हो गई और खून के थक्के (Blood clots) जमने का खतरा भी कम हो गया।
अध्ययन के नतीजे बताते हैं कि 2MBC एक ऐसा संकेत देने वाला पदार्थ है, जो Covid-19 में खून के थक्के जमने के खतरे को बढ़ा सकता है। साथ ही, यह संकेत देता है कि मोटापा और मधुमेह जैसी रोंगों में भी खून के थक्के (Blood clots) जमने का खतरा बढ़ने के पीछे यही कारण हो सकता है।
हालांकि, इस शोध के नतीजों की पुष्टि के लिए और अध्ययन की आवश्यकता है। लेकिन यह शोध खून के थक्के (Blood clots) जमने के खतरे को कम करने के लिए नए उपायों की खोज में एक जरूरी कदम है।