इन सभी बिमारियों के लिए रामबाण होती है ये औषधि
भारत कई शाकाहारी पौधों की प्रजातियों का केंद्र है, जिनका चिकित्सा क्षेत्र में अत्यधिक इस्तेमाल है। हल्दी एक बहुत मशहूर मसाला है जिसका इस्तेमाल रंगाई, स्वाद बढ़ाने के लिए किया जाता है और चिकित्सा क्षेत्र में किया जाता है। हिंदुस्तान में, हल्दी को इसके तीखे स्वाद और सुनहरे पीले रंग के कारण रानी मसाला के रूप में जाना जाता है।हम सभी जानते हैं कि
हर किचन में लगभग हल्दी पाउडर का ही इस्तेमाल किया जाता है लेकिन इससे अधिक कच्ची हल्दी लाभ वाला होती है। यह देखने में तो अदरक की तरह होती है लेकिन काटने पर ये अंदर से पीले रंग की होती है।आयुर्वेद में इसका इस्तेमाल औषधि के रूप में किया जाता है।लोकल 18 से बात करते हुए आयुर्वेद के जानकार डॉ सौरभ सिंह राजपूत ने कहा कि, हल्दी को आयुर्वेद में एक औषधि के रूप में देखा जाता है। जो कि कई रोंगों को ठीक करने में सहायता गार साबित होती है।
इन बिमारियों में हल्दी रामबाण औषधि है
हल्दी का इस्तेमाल घरों में खांसी, एनोरेक्सिया, पेचिश, पेट दर्द, श्वसन संबंधी रोंगों और दंत विकार के उपचार के लिए किया जाता है। इसका इस्तेमाल यकृत रोग, अल्सर और पेट फूलना जैसे गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल विकारों के उपचार के लिए भी किया जाता है। हल्दी और नींबू के मैकरेटेड प्रकंदों का इस्तेमाल चोट के कारण होने वाली सूजन के उपचार और मांसपेशियों के दर्द से राहत के लिए किया जाता है। ताजा तैयार हल्दी पेस्ट का इस्तेमाल प्रसव के बाद घाव भरने की सुविधा के लिए पेरिनियल घाव में किया जाता है। हल्दी का पेस्ट एक उत्कृष्ट एंटीसेप्टिक है और इसीलिए इसे नवजात शिशुओं की नाभि पर लगाया जाता है। यह ज्ञात है कि हल्दी का पेस्ट आंखों के संक्रमण, जलन और काटने के दौरान त्वचा पर लगाया जाता है। हल्दी और नीम का मिश्रण चिकनपॉक्स, चेचक और खसरा (रूबेला) के उपचार में बहुत कारगर माना जाता है।
एंटीऑक्सीडेंट का समृद्ध स्रोत
एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर कच्ची हल्दी पुरानी रोंगों के खतरे को भी कम करने में सहायता करती है। इसका सेवन करने के लिए सबसे पहले आप इसे पीस लें, फिर इसे गर्म पानी में मिलाएं। आप इसमें शहद भी डाल सकते हैं। यदि आप नियमित रूप से इस ड्रिंक को पीते हैं, तो इससे शरीर के टॉक्सिक पदार्थ बाहर निकलते हैं। हल्दी का यह ड्रिंक डिटॉक्स ड्रिंक के रूप में काम करता है।
हल्दी कहां पाई जाती है
हल्दी की खेती हिंदुस्तान में व्यापक रूप से की जाती है, इसके बाद थाईलैंड, इंडोनेशिया, चीन और अफ्रीका जैसे अन्य राष्ट्रों में भी इसकी खेती की जाती है। हिंदुस्तान में व्यावसायिक रूप से उगाई जाने वाली हल्दी की दो मुख्य किस्में हैं, \”अलेप्पी\” और \”मद्रास\” संयुक्त राज्य अमेरिका में, \”एलेप्पी-हल्दी\” को मसाले और खाद्य रंग के रूप में आयात किया जाता है।