स्वास्थ्य

लाइफस्टाइल और आहार में गड़बड़ी के कारण हो सकता है कैंसर का खतरा

कैंसर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ती गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं में से एक है, जो हर वर्ष लाखों लोगों की मृत्यु का कारण बनती है शरीर में कोशिकाओं की अनियंत्रित वृद्धि कैंसर कारक हो सकती है, इसके लक्षणों पर सभी लोगों को गंभीरता से ध्यान देते रहने की जरूरत है स्वास्थ्य जानकार कहते हैं, कैंसर शरीर के किसी भी अंग में विकसित हो सकता है

पुरुषों में प्रोस्टेट और लंग्स कैंसर जबकि स्त्रियों में ब्रेस्ट और सर्वाइकल कैंसर और इसके कारण होने वाली मौतों का जोखिम सबसे अधिक देखा जाता है लाइफस्टाइल और आहार में गड़बड़ी के कारण भी कैंसर का खतरा हो सकता है

अध्ययनकर्ताओं ने कहा कि कई कारक आपमें कैंसर के खतरे को बढ़ाने वाले हो सकते हैं आनुवांशिकी के साथ जीवनशैली की गड़बड़ आदतों के कारण भी कैंसर विकसित होने का खतरा हो सकता है शराब-धूम्रपान जैसी आदतों को भी काफी नुकसानदायक माना जाता है, ये भी शरीर में कई प्रकार के कैंसर के खतरे को बढ़ाने वाली हो सकती है पर क्या आप जानते हैं कि कैंसर के जोखिम संक्रामक हो सकते हैं या नहीं? क्या कैंसर का एक से दूसरे आदमी में भी फैलने का खतरा हो सकता है?

कैंसर के कारणों को जानिए

मायोक्लिनिक की रिपोर्ट के अनुसार कैंसर के अधिकांश जोखिम  वंशानुगत होते हैं, यानी कि यदि आपके परिवार में पहले से किसी को कैंसर रहा है तो आपमें इसके विकसित होने का खतरा हो सकता है इसके अतिरिक्त कुछ प्रकार के पर्यावरणीय कारक जैसे रसायनों का अधिक संपर्क, लाइफस्टाइल की गड़बड़ आदतें भी कैंसर के खतरे को बढ़ाने वाली हो सकती हैं बहुत ही दुर्लभ मामलों में, यदि किसी ने अंग प्रत्यारोपण कराया है और डोनर को कैंसर है तो इससे दूसरे आदमी में भी कोशिकाओं के संचार होने का खतरा अधिक हो सकता है

क्या एक से दूसरे को भी हो सकता है कैंसर?

अध्ययनकर्ता बताते हैं, कैंसर का खतरा एक से दूसरे आदमी में नहीं होता है यानी कि निकट संपर्क या संभोग, चुंबन, स्पर्श, भोजन साझा करना या एक ही घर में रहने से कैंसर को खतरा दूसरे लोगों में बढ़ता नहीं देखा गया है यानी इसे संक्रामक बीमारी नहीं माना जाता है कैंसर एक आदमी से दूसरे में तो नहीं फैलता है पर यदि शरीर में कहीं कैंसर हो जाए और इसका समय पर इलाज न किया जाए तो इसके पूरे शरीर में बढ़ने का खतरा जरूर हो सकता है

संक्रमण से हो सकता है कैंसर

एक से दूसरे आदमी में तो कैंसर का जोखिम नहीं होता है पर कुछ संक्रामक रोगों की स्थिति में आपको कैंसर हो सकता है यानी कि कुछ प्रकार के वायरस को कैंसर कारक बताया जा सकता है विशेषतौर पर ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (एचपीवी) का यदि किसी को संक्रमण हो जाता है,विशेषकर स्त्रियों में ये सर्वाइकल कैंसर के जोखिमों को बढ़ाने वाली हो सकती है

समलैंगिक मर्दों में ह्यूमन पैपिलोमा वायरस के कारण गुदा, मुख और लिंग कैंसर के मुद्दे भी देखे जाते रहे हैं वायरस के खतरे को कम कम करने वाली एचपीवी वैक्सीन लेने से इन प्रकार के कैंसर से बचाव किया जा सकता है

मां से बच्चे में भी कैंसर का हो सकता है खतरा

जन्म के समय मां से बच्चे में कैंसर का खतरा होने का जोखिम भी कम देखा जाता है आपके बच्चे के गर्भ में रहने के दौरान कैंसर प्लेसेंटा तक फैल सकता है, लेकिन अध्ययन से पता चलता है कि यह बहुत दुर्लभ है 2009 में, जापान में अक्यूट लिम्फोब्लास्टिक ल्यूकेमिया (एएलएल) से पीड़ित एक स्त्री की प्लेसेंटा के माध्यम से अजन्मे बच्चे में कैंसर कोशिकाएं पहुंची थीं

स्वास्थ्य जानकार कहते हैं, सभी लोगों को कैंसर से बचाव के लिए लगातार तरीका करते रहना चाहिए लाइफस्टाइल और आहार को ठीक रखने के साथ रसायनों के संपर्क में आने से बचाव करके, शराब-धूम्रपान से दूरी बनाकर कैंसर के जोखिमों से बचाव करने में सहायता मिल सकती है

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