आज के समय में छोटे बच्चे भी हो रहे हैं डिप्रेशन के शिकार, जानें वजह
डिप्रेशन का शिकार आज के समय में छोटे बच्चे भी हो रहे हैं। इसके बाद वह कई आत्मघाती कमद उठा लेते हैं। इससे बचाने के लिए भागलपुर के एक विद्यालय में एंगर जोन बनाया गया है। इसमें डिप्रेश्ड हुए बच्चों का पूरा उपचार होगा। शहर के डीएवी विद्यालय में एंगर जोन का गठन किया गया है। प्राचार्य रमेश चंद्र शर्मा ने कहा कि एंगर जोन में वैसे बच्चों को बुलाया जाता है जो लड़ाई करते हैं या डिप्रेश्ड हो जाते हैं।
डीएवी के प्राचार्य रमेश चंद्र शर्मा ने कहा कि कई बार बच्चे एक दूसरे को चिढ़ा देते हैं। जिससे आपसी टकराव हो जाता है। पढ़ाई का प्रेशर हो या किसी अन्य चीजों को लेकर भी बच्चे डिप्रेस्ड हो जाते हैं। इन सभी चीजों से बचाव को लेकर हम लोगों ने एंगर जोन बनाया है। एंगर जोन में वैसे बच्चों को बुलाया जाता है जो जंग करते हैं या डिप्रेशन में रहते हैं। वहां पर सारी सुविधाएं होती है। अलग से शिक्षक को बुलाकर उनसे ठीक बर्ताव से वार्ता की जाती है। जिससे रीजन का पता लगाया जाता है कि आखिर क्या हुआ। क्यों बच्चे डिप्रेस्ड हुए। इन सबको पता लगाने के बाद उसे समझा कर और उसे उस क्षण से निकाला जाता है। जिससे बच्चों में पहले वाली ऊर्जा आ जाती है।
बच्चों को न करें किसी भी चीज के लिए फोर्स
प्रचार्य की माने तो बच्चों को कभी भी किसी चीज के लिए फोर्स नहीं करना चाहिए। जिससे आपके बच्चे पर खतरा हो। हाल ही में कोटा में कई खुदकुशी जैसे मुकदमा सामने आए। जब इसको लेकर बात की गई तो उन्होंने कहा कि क्या होता है बच्चों को इंजीनियर या चिकित्सक बनने की ख़्वाहिश नहीं होती है। लेकिन माता-पिता के इक्छा की वजह से वह उस विषय को चूज कर लेते हैं। बाद में कई बार जब उस संबंध में क्रॉस लगता है, तो वह डिप्रेशन का शिकार हो जाते हैं। माता-पिता को यह समझना होगा कि हमारे बच्चे किस लायक है। तभी जाकर बच्चों का भविष्य तय हो पाएगा। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि जिस ढंग से मशीन में कैपेसिटी होती है वह उतना ही लोड लें पाती है। यदि उससे अधिक हम उस पर भार देते हैं तो वह खराब हो जाता है। या ब्लास्ट कर जाता है। इस ढंग से हमारा ब्रांड भी काम करता है। यदि आप हद से अधिक उस पर प्रेशर देंगे तो फिर आपको नुकसान ही होगी। लेकिन इन सब का बचाव एंगर जॉन है। बच्चों को तुरंत वहां लाया जाता है और उनसे सारी बातें की जाती है और उन्हें समझाया जाता है।