जानें एमबीबीएस डॉ. अनुराग शाही से क्या है ऑक्सीडेटिव तनाव…
स्ट्रेस और टेंशन जैसे शब्दों से तो आप सभी वाकिफ होंगे. ये हमारी जीवन का एक अनचाहा हिस्सा बन गया है. जिससे काफी दिक्कतें पैदा होती हैं. लेकिन क्या आपने कभी ऑक्सीडेटिव तनाव के बारे में सुना है? यह तनाव स्ट्रेस और टेंशन से काफी अलग है. ये हमारे शरीर के अंदर होता है. अगर समय रहते इस पर काबू नहीं पाया गया तो आप समय से पहले ही बीमार, बूढ़े और कमजोर होने लगेंगे. आइए एक्सपर्ट से जानते हैं ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस के बारे में. इस बारे में जानकारी दे रहे हैं एमबीबीएस डाक्टर अनुराग शाही.
ऑक्सीडेटिव तनाव क्या है?
ऑक्सीडेटिव तनाव शरीर में मुक्त कणों और एंटीऑक्सिडेंट के बीच समन्वय में खराबी को संदर्भित करता है, जो कोशिकाओं और ऊतकों को हानि पहुंचा सकता है. इसका असर त्वचा के बाहरी हिस्सों पर दिखाई देता है. इसके अलावा, यदि आप लंबे समय तक ऑक्सीडेटिव तनाव की स्थिति में रहते हैं, तो कैंसर, मधुमेह और दिल संबंधी गंभीर रोंगों जैसी पुरानी स्थितियों का खतरा हो सकता है.
आपको बता दें कि शरीर की कोशिकाएं चयापचय प्रक्रिया के दौरान मुक्त कणों का उत्पादन करती हैं. हालाँकि, यही कोशिकाएँ एंटीऑक्सिडेंट भी उत्पन्न करती हैं, जो इन मुक्त कणों पर भी धावा करती हैं. हालाँकि, शरीर एंटीऑक्सिडेंट और मुक्त कणों के बीच संतुलन बनाए रखने में सक्षम है. लेकिन जब किसी कारण से ऐसा नहीं हो पाता है तो इस स्थिति को ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस के नाम से जाना जाता है. इसके कई कारण हो सकते हैं जैसे गलत खान-पान, खराब जीवनशैली, प्रदूषण और रेडिएशन के संपर्क में आना.
ऑक्सीडेटिव तनाव को कैसे रोकें
- खान-पान ठीक जीवनशैली
- आहार में एंटीऑक्सीडेंट मात्रा में लेना चाहिए
- फलों और सब्जियों का सेवन करना चाहिए.
- नियमित व्यायाम करना चाहिए
- विकिरण के संपर्क में न आएं.
- धूम्रपान से दूर रहें.