डायबिटीज के मरीज चीनी की जगह स्टेविया खा सकते हैं या नहीं जानिए
टाइप 2 डायबिटीज के रोगियों के लिए चीनी जहर के समान है, यदि आपने इसका अधिक सेवन किया तो ब्लज शुगर लेवल अचानक बढ़ जाएगा। मधुमेह के बीमार मिठास के लिए बाजार में मिलने वाले आर्टिफिशियल स्वीटनर का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन कई रिसर्च से साबित हुआ है कि इससे भी स्वास्थ्य बिगड़ सकती है। ऐसे में आजकल लोग स्टेविया का काफी इस्तेमाल कर रहे हैं, लेकिन ये डायबिटीज के रोगियों के लिए सुरक्षित है भी या नहीं। इसके लिए हमने प्रसिद्ध न्यूट्रिशन एक्सपर्ट ‘निखिल वत्स’ (Nikhil Vats) से बात की।
क्या है स्टेविया?
स्टेविया एक शुगर सब्सटीट्यूट है जिसे स्टेविया प्लांट के पत्तों से तैयार किया जाता है, ये सफेद चीनी के मुकाबले 100 से 300 गुणा मीठा होता है, लेकिन इसमें कार्बोहाइड्रेट, कैलोरी और आर्टिफिशियल इंग्रेडिएंट्स नहीं होते, हालांकि हर किसी को इसका स्वाद पसंद आए ये महत्वपूर्ण नहीं है। कई लोगों ये मेंथॉल जैसा लगता है। हालांकि आप चाय में इसे मिलाकर पी सकते हैं।
स्टेविया के फायदे
स्टेविया मेडिकल स्टोर में मिलने वाले बाकी आर्टिफिशियल स्वीटनर के अलग है क्योंकि ये नेचुरल प्रोडक्ट है, इस पौधे को आप घर के गमले में लगा सकते हैं। साउथ अमेरिका और एशिया में स्टेविया के पत्तों का इस्तेमाल काफी वर्षों से चाय और रेसेपीज में मिठास लाने के लिए किया जा रहा है।मार्केट में स्टेविया पाउडर और लिक्विड फॉर्म में मिल जाएगा। हालांकि कुछ लोग मिलावटी स्टेविया भी बेचते हैं जिससे सावधान रहने की आवश्यकता है।
स्टेविया के नुकसान
डायबिटीज के रोगियों के लिए स्टेविया के बेहतर विकल्प जरूर है, लेकिन इसके हानि पर भी गौर किया जाना महत्वपूर्ण है, क्योंकि बाजार में स्टेविया के नाम पर मिलावटी चीजें धड़ल्ले से बेची जाती है, इसमें बेकिंग सोडा के साथ आर्टिफिशियल स्वीटनर और कैलोरी युक्त स्वीट कैफीन शामिल हैं। स्टेविया का सबसे प्योर फॉर्म है स्टेवियोसाइज (Stevioside), जिसका इस्तेमाल सुरक्षित माना जाता है। बाजार से स्टेविया खरीदने से पहले आप किसी एक्सपर्ट की राय जरूर लें, अन्यथा स्वास्थ्य को हानि हो सकता है।