डायबिटीज नियंत्रित नहीं, चिंता न करें, लें आयुर्वेदिक उपचार
मधुमेह एक चयापचय संबंधी विकार है। पूरे विश्व में लाखों लोग डायबिटीज की परेशानी से जूझ रहे हैं। जब रक्त शर्करा का स्तर बार-बार बढ़ने लगता है तो उस स्थिति को मधुमेह बोला जाता है। स्वास्थ्य जानकार मधुमेह मरीजों को अपनी जीवनशैली में परिवर्तन करने की राय देते हैं। शुगर की परेशानी को ठीक नहीं किया जा सकता लेकिन इसे नियंत्रित करना ही इसका एकमात्र तरीका है।आयुर्वेद में भी मधुमेह को नियंत्रित करने के कई तरीका उपस्थित हैं। यहां हम आपको एक ऐसी ही जड़ी-बूटी के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसे बर्बेरिन के नाम से जाना जाता है। यह शरीर में ग्लूकोज के स्तर को नियंत्रित करने का काम करता है। आइए जानते हैं यह कैसे डायबिटीज को कंट्रोल करता है।
औषधीय गुण
आयुर्वेद के अलावा, बेरबेरीन का इस्तेमाल पूर्वी एशियाई चिकित्सा में किया जाता है। हालाँकि, खाने पर इसका स्वाद कड़वा होता है। दरअसल, बेरबेरीन एक कड़वा स्वाद वाला रासायनिक यौगिक है। इसे कॉप्टिस चिनेंसिस और बर्बेरिस वल्गरिस जैसे पौधों से प्राप्त किया जाता है। शोध के अनुसार इसमें एंटीबायोटिक और एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं।
पोर्टलैंड की नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ नेचुरल मेडिसिन के अनुसार, बेरबेरीन का जूस मधुमेह मरीजों के लिए बहुत लाभ वाला है। यह दिल को स्वस्थ रखने के साथ-साथ ऑक्सीडेटिव तनाव को भी कम करता है। इसका रस शरीर में इंसुलिन संवेदनशीलता में सुधार करता है। इसके अतिरिक्त यह हाई बीपी को कम करने में भी सहायता करता है। यह मेटाबॉलिज्म को भी अच्छा रखता है।
विटामिन सी की शक्ति
शोध के अनुसार, बेरबेरीन में उपस्थित एंटीऑक्सीडेंट असर विटामिन सी के समान होता है। स्वास्थ्य जानकारों के मुताबिक, विटामिन सी और बर्बेरिन एंटीऑक्सीडेंट के रूप में काम करते हैं। ये दोनों मुक्त कणों से लड़ते हैं। इसलिए मधुमेह की परेशानी में बेरबेरीन का जूस बहुत लाभ वाला साबित हो सकता है।
जीवनशैली दिनचर्या
हालाँकि, यदि आप मधुमेह को नियंत्रण में रखना चाहते हैं, तो अपने आहार के साथ-साथ मुनासिब जीवनशैली का पालन करना भी जरूरी है। मधुमेह मरीजों को रोजाना कम से कम 30 मिनट तक टहलना चाहिए। इससे उनका ब्लड शुगर नियंत्रित रहेगा।