ये काले गेहूं की रोटी बीपी और हाई ब्लड शुगर के लिए है फायदेमंद
पारंपरिक फसलों से हटकर किसान अब नए-नए ढंग से खेती के गुर सीख रहे हैं। दरभंगा जिला के किसान भी इसी राह पर अग्रसर हैं। यहां भी किसान अब काले गेहूं की खेती करने लगे हैं और इसका रकवा बढ़ने के साथ उत्पादन क्षमता में भी वृद्धि हो रही है। काले गेहूं को स्वास्थ्य के लिए बहुत गुणकारी माना जाता है। काले गेहूं की रोटी को भी डॉक्टर लोगों को खाने की राय देते हैं। हार्ट स्पेशलिस्ट डॉक्टरों का मानना है कि हार्ट अटैक में काले गेहूं के आटा से बनी रोटी बहुत लाभ वाला होता है। इसके अतिरिक्त बीपी और हाई ब्लड शुगर में भी यह औषधि रूप में कार्य करता है।
लंबे रिसर्च के बाद वैज्ञानिकों ने काले गेहूं को किया है विकसित
दरभंगा डीएमसीएच में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर कार्यरत डीएम कार्डियोलॉजी डाक्टर ज्योति प्रकाश कर्ण ने मीडिया को कहा कि आजकल जो लोग खाना खाते हैं उसमें न्यूट्रिएंट्स की वैल्यू बहुत कम होती जा रही है, क्योंकि बहुत दिनों से जिन अनाज को खाने में इस्तेमाल करते हैं, उसपर कोई रिसर्च नहीं हुआ है। लंबे समय तक चले रिसर्च के बाद काले गेहूं को विकसित किया गया है।
यह मोहाली में विकसित हुआ है और वैज्ञानिकों ने काफी मेहनत से इसे विकसित किया है। इसमें माइक्रोन्यूट्रिएंट्स प्रचूर मात्रा में पाया जाता है। यह सिर्फ़ हार्ट ही नहीं पूरे शरीर के लिए लाभ वाला है।
काले गेहूं में एंथोसायनिन की मात्रा भी होती है अधिक
डॉ। ज्योति प्रकाश कर्ण ने कहा कि काले गेहूं मेंप्रचूर मात्रा में एंटीऑक्सीनट पाया जाता है। जो शरीर के सेल्स के लिए काफी जरूरी है। इसके अतिरिक्त काले गेहूं में एंथोसायनिन की मात्रा भी अधिक होती है जो कि ब्लड शुगर से लेकर ब्लड प्रेशर, हार्ट अटैक, कैंसर, मानसिक तनाव, एनिमेनिया जैसे रोंगों के रोकथाम में कारगर है।
इन अनेक रोंगों के बचाव के लिए काले गेहूं के आटे की रोटी खा सकते हैं।उन्होंने कहा कि इन दिनों हार्ट, बीपी और ब्लड शुगर के रोगी को काले गेहूं के आटे का सेवन करने की राय देते हैं।