महिलाओं को हर साल जरूर करवाना चाहिए ये हेल्थ चेकअप
जैनेटिक स्क्रीनिंग
ये एक ऐसा मेडिकल टेस्ट है जिसमें स्त्री को किसी तरह की आनुवांशिक रोग के संकेत और जोखिम को पहचाना जा सकता है। इस टेस्ट के जरिए पता लगाया जा सकता है कि परिवार में यदि किसी को कोई रोग रही है और वो कहीं स्त्री को तो नहीं घेर लेगी। इस टेस्ट के जरिए महिलाएं कई गंभीर आनुवांशिक रोंगों से अपना बचाव कर सकती हैं। आनुवांशिक परीक्षणों में स्त्रियों को होने वाले किसी भी तरह के कैंसर का भी पता चल सकता है।
कार्डियोवेस्कुलर हेल्थ
उम्र बढ़ने के साथ दिल कमजोर होता है और इसीलिए स्त्रियों को आनुवांशिक परीक्षण में ह्रदय संबंधी टेस्ट करवाने चाहिए। इसके जरिए हाइपरकोलेस्ट्रोलेमिया और हाइपरट्राफिक कार्डियोमायौपेथी जैसी वंशानुगत रोंगों का पता चल सकता है।
अल्जाइमर
35 वर्ष की उम्र के बाद स्त्रियों को अल्जाइमर का भी टेस्ट करवा लेना चाहिए। इस रोग का कारण शरीर में एपीओई जीन होता है और इसलिए आनुवांशिक परीक्षण में इसका भी टेस्ट किया जाता है। इससे पता चल सकेगा कि कहीं स्त्री अल्जाइमर का शिकार तो नहीं होने वाली है।
सर्वाइकल कैंसर
35 वर्ष की उम्र के बाद सर्वाइकल कैंसर संबंधी स्क्रीनिंग भी करवानी महत्वपूर्ण मानी जाती है। इस स्क्रीनिंग में सर्वाइकल कैंसर की जांच की जाती है और इसके साथ साथ एचपीपी जिनोटाइपिंग टेस्ट भी किया जाता है। आपको बता दें कि पूरे विश्व में स्त्रियों में सर्वाइकल कैंसर के मुद्दे तेजी से बढ़े हैं और हिंदुस्तान में ये मुद्दे काफी तेजी से पैर पसारते नजर आ रहे हैं।
ब्रेस्ट कैंसर
स्तन कैंसर की संभावना को दूर करने के लिए 35 वर्ष के बाद बीआरसीए जीन उत्परिवर्तन टेस्ट भी महत्वपूर्ण बोला जाता है। स्तन कैंसर का शीघ्र पता लगाने के लिए आनुवांशिक जांच परीक्षण में बीसीआरए जीन का टेस्ट करवाना चाहिए।