स्वास्थ्य

ब्रेस्ट में हो सकते हैं इंफेक्शन-रैशेज के खतरे, ऐसे पाएं छुटकारा

स्त्रियों के लिए स्तन स्वास्थ्य को बनाए रखना जरूरी है, फिर भी कई महिलाएं ढिलाई बरतती हैं, जिससे स्वयं को संक्रमण से लेकर चकत्ते तक विभिन्न समस्याओं का सामना करना पड़ता है. ऐसी ढिलाई से ब्रेस्ट कैंसर का खतरा भी बढ़ सकता है. स्तन स्वास्थ्य के प्रति उदासीन रहने के बजाय इन छह आदतों को अपनाने से जरूरी अंतर आ सकता है.

ब्रा पहनकर सोने से बचें: ब्रा पहनकर सोना कुछ लोगों को आरामदायक लग सकता है, लेकिन इससे स्तनों में रक्त संचार बाधित हो सकता है, जिससे उनके स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर पड़ सकता है. इसलिए, सोते समय ब्रा पहनने से बचने की राय दी जाती है.
अंडरवायर या पैडेड ब्रा की स्थान आरामदायक चुनें: अंडरवायर या भारी पैडेड ब्रा सहायता प्रदान कर सकती हैं, लेकिन वे त्वचा पर चकत्ते और संक्रमण का खतरा भी पैदा करती हैं. सूती कपड़े से बनी ब्रा चुनने से त्वचा को सांस लेने में सहायता मिलती है, जिससे त्वचा संबंधी समस्याओं की आसार कम हो जाती है.
अंडरआर्म्स में डियोडरेंट ना लगाएं: डियोडरेंट में अक्सर भारी धातुएं और जहरीले रसायन होते हैं, जो त्वचा कैंसर के खतरे को बढ़ा सकते हैं. इसके बजाय, गंध को रोकने के लिए फिटकरी जैसे प्राकृतिक विकल्पों पर विचार करें या नहाने के बाद अंडरआर्म्स को थपथपाकर सुखा लें.
अपने आहार में अदरक को शामिल करें: अदरक न सिर्फ़ पाचन के लिए बल्कि स्तन स्वास्थ्य के लिए भी लाभ वाला है. अपने आहार में अदरक को शामिल करने या अदरक की चाय का सेवन संतुलन बनाए रखने में सहायता करता है और तरल पदार्थ के संचय को रोकता है, जिससे स्तनों में सूजन और परेशानी का खतरा कम हो जाता है.
नियमित स्तन मालिश और व्यायाम: दैनिक स्तन मालिश और व्यायाम स्तन से संबंधित समस्याओं जैसे दर्द, गांठ या सूजन को रोकने में जरूरी किरदार निभाते हैं, खासकर स्तनपान के दौरान. स्तनों की मालिश करने से त्वचा में कसाव आता है और ढीलापन नहीं आता.

इन आदतों को अपनाकर महिलाएं अपने स्तनों के स्वास्थ्य को सुनिश्चित करने और संभावित जटिलताओं के जोखिम को कम करने की दिशा में एक्टिव कदम उठा सकती हैं.

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