स्वास्थ्य

प्रेग्नेंसी में यूटीआई होने से शिशु के स्वास्थ्य पर पड़ता है असर

प्रेग्नेंसी के दौरान स्त्रियों को हेल्थ ध्यान रखना बहुत जरुरी होता है. आमतौर पर प्रेग्नेंसी के दौरान स्त्रियों को यूटीआई इंफेक्शन खतरा अधिक रहता है. यूटीआई यानी यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन, जब यूरिनरी सिस्टम में किसी तरह का इंफेक्शन होता है, तो उसे यूटीआई के नाम से जानते हैं. यूरिनरी सिस्टम में किडनी, ब्लैडर, यूरेथ्रा जैसे अंग आते हैं. इस दौरान स्त्रियों को अधिक सावधानी बरतने की जरुरत होती है. आज हम आपको इस लेख में बताएंगे कि यूटीआई होने पर प्रेग्नेंट स्त्री के बच्चे पर क्या असर पड़ सकता है?

प्रेग्नेंसी के दौरान स्त्रियों को कई तरह की शारीरिक समस्याएं हो सकती हैं. इसी वजह से अक्सर गर्भवती स्त्रियों से यूटीआई के लक्षणों की अनदेखी हो जाती है. जबकि, ऐसा किया जाना एकदम ठीक नहीं है.  इंफेक्शन से बचने के लिए ठीक ट्रीटमेंट और हाईजीन का ध्यान रखकर इन समस्याओं से बचा जा सकते है. यदि अधिक समय तक इसे अनदेखी की तो यह उनके हेल्थ के लिए ठीक नहीं है. गर्भ में पल रहे शिशु के लिए भी नुकसानदायक हो सकता है. दरअलल, प्रेग्नेंसी के के समय स्त्रियों का शरीर काफी कमजोर होता है और इम्यूनिटी भी कमजोर हो जाती है. ऐसे में यदि यूटीआई का उपचार न किया जाए, तो इंफेक्शन अंदर तक फैल सकता है. जिसकी वजह से, बच्चे का स्वास्थ्य भी प्रभावित हो सकता है. यूटीआई के कारण स्त्री को प्रीटर्म लेबर, प्रीमैच्योर डिलीवरी और यहां तक कि भ्रूण की मौत तक हो सकती है.

प्रेग्नेंसी में UTI के जोखिम कम करने के उपाय

गर्भवती स्त्रियों को इस दौरान विशेष ख्याल रखना चाहिए. साथ ही इंटीमेट हाइजीन पर भी गौर करें ताकि यूटीआई जैसे इंफेक्शन हों. चलिए आपको बताते हैं यूटीआई के जोखिम कम कैसे करें.

– हर बार पेशाब करने के बाद वजाइना को सादे पानी से धोएं.

– गंदी स्थान या पब्लिक टॉयलेट का यूज करने से बचें.

यदि इमर्जेंसी में पब्लिक टॉयलेट कताई यूज न करे, अपने साथ डिसइंफेक्टेंट स्प्रे रखें. सीट को पहले  डिसइंफेक्ट करें. इसके बाद टिश्यू से क्लीन करने के बाद टॉयलेट का यूज करें.

– हमेशा साफ अंडरगार्मेंट से पहने. प्रेग्नेंट स्त्री को इस दौरान कॉटन के अंडरवियर अधिक सेफ रहते हैं.

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