स्वास्थ्य

पेप्टिक अल्सर के इन 5 संकेतों को न करें नजरअंदाज, हो सकता है इस बड़ी बीमारी का खतरा

पेप्टिक अल्सर बहुत घातक रोग है जिसका समय पर उपचार न किया जाए तो कुछ वर्ष बाद यह कैंसर बन जाता है पेप्टिक अल्सर दो तरह के होते हैं एक पेट के अंदर होता है जिसे गैस्ट्रिक अल्सर कहते हैं दूसरा छोटी आंत के उपरी हिस्से में होता है जिसे ड्यूडेनल अल्सर कहते हैं पेप्टिक अल्सर पेट की अंदरुनी म्यूकस लाइनिंग और छोटी आंत के उपरी हिस्से की परत को खरोंचने लगता है, इससे घाव हो जाता है पेप्टिक अल्सर होने पर पेट में बहुत तेज दर्द होता है पेप्टिक अल्सर का पेप्टिक नाम इसलिए दिया गया है कि क्योंकि यह पेप्टिक जूस से संबंधित है पेप्टिक जूस जब ड्यूडेनियम से लीक करने लगता है तो यह पेप्टिक अल्सर का कारण बनता है

पेप्टिक अल्सर के अधिकतर मामलों में शुरू-शुरू में पता नहीं लगता है इसे साइलेंट अल्सर कहते हैं लेकिन जब घाव अधिक बढ़ जाता है या दर्द अधिक होने लगता है, तब पता चलता है हालांकि कई लक्षण ऐसे हैं जो पहले से संकेत देते हैं कि पेप्टिक अल्सर होने वाला है

पेप्टिक अल्सर के लक्षण

1. पेट में दर्द-क्लीवलैंड क्लिनिक के अनुसार पेप्टिक अल्सर के मामलों में पेट में ऐसा लगता है कि कुछ जल रहा है इस स्थिति में तेज दर्द होता है

2. ब्लॉटिंग-पेप्टिक अल्सर में पेट फूलने लगता है हर पल पेट भरा हुआ महसूस होता है

3. अपच-चूंकि भोजन को पचाने वाला पेप्टिक जूस बड़ी आंत में लीक होने लगता है, इसलिए पेप्टिक अल्सर होने पर भोजन नहीं पचता खासकर जिस फूड में अधिक ऑयल हो, वह एकदम नहीं पचता

4. मतली और उल्टी-पेप्टिक अल्सर के रोगियों में अक्सर जी मितलाने और उल्टी करने की समस्याएं देखी जाती है

5. दवा लेने पर दर्द कम-पेप्टिक अल्सर की स्थिति में जब आप कुछ पीते हैं तो दर्द धीरे-धीरे कम होने लगता है वहीं एंटासिड टैबलेट पर भी दर्द कम हो जाता है

पेप्टिक अल्सर के कारण

मायो क्लिनिक के अनुसार आमतौर पर पेप्टिक अल्सर के लिए इंफेक्शन उत्तरदायी होता है जब पेट में बैक्टीरियम हेलीबेक्टर पायलोरी नाम के बैक्टीरिया घुस जाए तो यह पेप्टक अल्सर को जन्म देते हैं वहीं लंबे समय तक नॉन-स्टेरॉयड एंटी-इंफ्लामेटरी दवाइयों जैसे कि आइब्यूप्रूवेन और नेप्रोक्सेन का इस्तेमाल भी आंत में घाव कर देता है इसके अतिरिक्त आंत में घाव के लिए बहुत अधिक स्पाइसी फूड भी उत्तरदायी हो सकता है

कैसे करें बचाव

पेप्टिक अल्सर न हो, इसके लिए स्मोकिंग, अल्कोहल जैसी गंदी आदतों को छोड़ देनी चाहिए वहीं, बहुत अधिक स्पाइसी फूड खाने से भी आंत में घाव हो सकता है इसलिए यदि स्पाइसी फूड खाने से कठिनाई बढ़ जाती है तो इसे न खाएं बहुत से लोग माइग्रेन, बदन दर्द आदि के लिए आइब्यूप्रूवेन जैसी नॉन-स्टेरॉयड एंटी-इंफ्लामेटरी दवाइयां ले लेते हैं इससे पेट में घाव हो सकता है इसके अतिरिक्त अधिक तनाव भी पेट में दर्द की वजह हो सकता है

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