स्वास्थ्य

खाने में सोडियम-पोटेशियम की ज्यादा मात्रा बिगाड़ सकती है आपकी सेहत

हर भारतीय खाने-पीने का बहुत शौकीन होता है. हिंदुस्तानियों में स्वाद के प्रति ऐसी दीवानगी होती है कि कई बार यह उनकी स्वास्थ्य पर बुरा असर डालती है. अधिक मसालेदार और तला-भुना खाना खाने में तो बहुत अच्छा लगता है. लेकिन इस तरह के खानपान की वजह से हमारे शरीर में सोडियम और पोटेशियम का बैलेंस बिगड़ जाता है. जिससे हमारा स्वास्थ्य खराब होने लगता है. आमतौर पर लोग दाल-मखनी, पराठे, बटर नान या फिर कटहल आदि खाते हैं. यदि यह या फिर इनसे मिलती-जुलती चीजें आपकी डाइट का हिस्सा है, तो आपको दूसरों की तुलना में अधिक ब्लड प्रेशर की परेशानी हो सकती है. साथ ही ऐसा खाना खाने से मोटापा बढ़ने के भी आसार होते हैं.

एक हेल्थ स्टडी के अनुसार अधिक तलेभुने या मसालेदार खाने में ढेर सारा नमक और फॉस्फोरस होता है. जो किसी का भी हाइपरटेंशन बढ़ा सकता है. साथ ही इनमें प्रोटीन और पोटेशियम की भी कमी होती है. इसलिए यदि आपको भी इस तरह का खाना पसंद है, तो आपको अपनी स्वास्थ्य के प्रति सावधान होने की आवश्यकता है. बता दें कि आमतौर पर नॉर्थ इण्डिया के खाने में सोडियम और फॉस्फोरस की मात्रा आवश्यकता से अधिक पाई जाती है. जबकि इस तरह के खाने में प्रोटीन और पोटेशियम कम पाया जाता है. इस तरह की डाइट को असंतुलित आहार बोला जाता है.

यदि आप इस तरह का खाना खाते हैं, तो शरीर को स्वास्थ्य वर्धक बने रहने में परेशानी आती है और आपको कई तरह की गंभीर बीमारियां घेर सकती हैं. वहीं विश्व स्वास्थ्य संगठन भी सोडियम, पोटेशियम, फॉस्फोरस और प्रोटीन खाने के लिए स्वस्थ मात्रा में सेवन करने की राय देता है. क्योंकि इससे बहुत कम या फिर बहुत अधिक मात्रा हमारी स्वास्थ्य को कठिन में डाल सकता है.

कैसी होनी चाहिए डाइट

बता दें कि एक वयस्क प्रतिदिन 2 ग्राम सोडियम का सेवन करने की राय दी जाती है. जबकि करीब 65 प्रतिशत से अधिक नॉर्थ भारतीय लोग प्रतिदिन 8 ग्राम से अधिक सोडियम का सेवन कर रहे हैं.

WHO के अनुसार, एक वयस्क को प्रतिदिन 700 माइक्रोग्राम फॉस्फोरस का सेवन करना चाहिए.

वहीं एक वयस्क को प्रतिदिन कम से कम 3.5 ग्राम पोटेशियम का सेवन करना चाहिए.

WHO के अनुसार हर आदमी को अपने वजन के हिसाब से प्रति किलोग्राम के लिए 0.8 ग्राम से 1 ग्राम तक प्रोटीन खाना चाहिए.

शरीर में पोटेशियम की कमी के लक्षण

यदि आपके शरीर में पोटेशियम की कमी होने पर पेशान में अजीब सी झनझनाहट होने लगती है. इसकी कमी से कब्ज, थकान और मसल्स में दर्द की परेशानी प्रारम्भ हो जाएगी. शरीर में इसका लेवल अधिक घटने से हार्ट दर में असामान्य परिवर्तन देखने को मिल सकता है. इसको ‘एरिथमिया’ बोला जाता है. ऐसी स्थिति में दिल की धड़कन कम होती जाती है. जिसका असर न केवल आपके चेहरे पर दिखने लगता है, बल्कि आप समय से पहले 5-7 वर्ष बूढ़े दिखने लगते हैं.

पोटेशियम की पूर्ति के लिए करें इन चीजों का सेवन

अगर आप प्रतिदिन ठीक मात्रा में पोटेशियम का सेवन करते हैं. तो आप कई रोंगों से स्वयं का बचाव कर सकते हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, आपको प्रतिदिन कम से कम 3.5 ग्राम पोटेशियम तो जरूर खाना चाहिए. पोटेशियम की पूर्ति के लिए आपको अधिक से अधिक फल और सब्जियों का सेवन करना चाहिए.

प्रोटीन की कमी कर सकती है बीमार

प्रोटीन की कमी होने से शरीर थकान महसूस करने लगता है. प्रोटीन की कमी होने पर बाल झड़ने लगते हैं, नाखून सफेद और हड्डियां कमजोर होने लगेंगी.

प्रोटीन है जरूरी

हमारी हड्डिय़ों, स्किन, मसल्स, बाल और यहां तक शरीर का हर टिश्यू प्रोटीन से बना होता है. इसके साथ ही यह खास तरह का एंजाइम भी बनाता है. बता दें कि ब्लड में हीमोग्लोबिन की मात्रा अच्छी बनी रहने के लिए शरीर में प्रोटीन बहुत महत्वपूर्ण है. प्रोटीन के पर्याप्त सेवन के लिए फलियां, मोटे अनाज, नट्स और सीड्स, दाल-बीन्स, अंडा, मछली, पनीर और मशरूम आदि का सेवन कर सकते हैं.

सोडियम से हार्ट स्ट्रोक का खतरा

अधिक नमक का सेवन करने से ब्लड प्रेशर तेजी से बढ़ जाता है. वहीं जब आपका ब्लड प्रेशर अधिक होता है तो दिल की स्वास्थ्य को यह अधिक खतरा होता है. क्योंकि नमक में सोडियम पाया जाता है. जैसे ही इसको हम खाते हैं तो शरीर इसको पतला बनाने के लिए पानी का सहारा लेता है. अधिक नमक के सेवन से कोशिकाओं के आसपास तरल पदार्थ और खून की मात्रा बढ़ जाती है. जब खून अधिक होता है, तो इसे पंप करने में हार्ट का काम बढ़ जाएगा. जिसके परिणामस्वरूप दिल शीघ्र थकने लगता है. जो हार्ट स्ट्रोक की वजह बन सकता है.

ज्यादा फॉस्फोरस है जानलेवा

आपको बता दें कि नॉर्थ भारतीय खाने में फॉस्फोरस की मात्रा विश्व स्वास्थ्य संगठन की सुझाई मात्रा से अधिक होती है. क्योंकि अधिक फॉस्फोरस हड्डियों से कैल्शियम को खींच लेता है, जिसके कारण हड्डियां कमजोर होने लगती है. कैल्शियम की पूर्ति के लिए आप इसे अधिक खाएंगे, तो यह फेफड़ों, ब्लड वेसल्स, आंखों और हार्ट में जमा होने लगता है. इसके साथ ही स्ट्रोक और हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है.

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