इन कांटेदार पत्तों में छुपा है सेहत का खजाना
अक्सर आपने घर की सुंदरता बढ़ाने वाले फूलों को घरों में तो देखा ही होगा, लेकिन इसके साथ ही काफी लोग नागफनी कैक्टस भी लगाते हैं। दरअसल नागफनी कांटेदार तो होती ही है, लेकिन इसके कांटे, फूल और गूदा स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभ वाला है। नागफनी एक कैक्टस है, जो सूखे और बंजर स्थानों पर उगता है। इसका तना पत्ते के समान लेकिन गूदेदार होता है, जिसकी पत्तियां कांटों के रूप में बदल जाती है। पानी की कमी के कारण इसके पत्ते कांटों में परिवर्तित हो जाते हैं।
कांटों भरे इन पौधों का इतिहास करोड़ों वर्ष पुराना है। अमेरिका के यूटा में कैक्टस के 5 करोड़ वर्ष पुराने जीवाश्म मिल चुके हैं, जिसे हिंदी में नागफनी कहते हैं। इसके कांटे इतने मजबूत होते हैं कि पुराने समय में ग्रामीण इसी से नाक और कान में छेद किया करते थे। जिसके कारण संस्कृत में इसे नाम ही ‘वज्रकंटका’ रख दिया गया। माना जाता था कि कैक्टस के कांटों से छेदने पर कान पकते नहीं हैं।
त्वचा के लिए है बहुत फायदेमंद नागफनी
एलोवेरा के फेसपैक के लाभ तो सब जानते हैं, लेकिन कैक्टस का फेसपैक उससे भी अधिक लाभ वाला है। इसमें उपस्थित विटामिन-ए स्किन को हेल्दी बनाता है, साथ ही यह अल्ट्रावॉयलेट किरणों और कई त्वचा रोगों से बचाने में भी यह मददगार है। इस फेसपैक से ड्राई स्किन हट जाती है। टैनिंग, पिंपल्स, झुर्रियों में भी यह लाभ वाला है। नियमित तौर पर इसके इस्तेमाल से स्किन टाइट हो जाती है और त्वचा नम, मुलायम और ताजी बनी रहती है।
हार्ट के लिए लाभकारी
उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग हॉस्पिटल में कार्यरत आयुर्वेदिक चिकित्सक एसएस राणा बताते हैं कि नागफनी स्वाद में कड़वी, पचने पर मधुर और प्रकृति में बहुत गर्म होती है, जो कफ को निकालती है, दिल के लिए फायदेमंद होती है, खून को साफ करती है, दर्द और जलन में आराम देती है और चोट लगने पर खून का बहना रोकती है। नागफनी खांसी, पेट के रोगों और जोड़ों की सूजन तथा दर्द में फायदा पहुंचाती है। इसके फूल कसैले होते हैं। इसका तना तासीर में ठंडा और स्वाद में कसैला होता है। तना हल्का विरेचक, भूख बढ़ाने वाला और बुखार और विष को नष्ट करने वाला होता है।