आइए जानते हैं, डायबिटीज में किन दालों का सेवन करना होता है फायदेमंद
मैग्ना दाल
मूंग दाल में ग्लाइसेमिक इंडेक्स बहुत कम होता है, जो ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में सहायता करता है. ये दालें प्रोटीन, फाइबर और एंटी-ऑक्सीडेंट से भरपूर होती हैं, जो मधुमेह के मरीजों के लिए बहुत लाभ वाला होती हैं.
कबूतर के मटर
अरहर या तुअर दाल में ग्लाइसेमिक इंडेक्स बहुत कम होता है, जो शरीर में ग्लूकोज की रेट को धीमा कर देता है और रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रण में रखता है. ये दालें फाइबर और प्रोटीन से भरपूर होती हैं, जिससे स्वास्थ्य भी बेहतर होती है.
बंगाल ग्राम दाल
ये दालें फाइबर, प्रोटीन और कई अन्य पोषक तत्वों से भरपूर होती हैं, जो मधुमेह में बहुत लाभ वाला होती हैं. इस दाल को अपनी डाइट में शामिल करके आप डायबिटीज और गठिया जैसी समस्याओं से राहत पा सकते हैं.
लाल मसूर की दाल
दाल खाने से ब्लड शुगर वाले लोगों का शुगर लेवल कंट्रोल में रहता है. साथ ही डायबिटीज के लक्षण जैसे पैरों की सूजन और शरीर में खुजली और जलन भी कम हो जाती है.
उड़द की दाल
उड़द की दाल प्रोटीन से भरपूर होती है और अपने कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स स्तर के कारण मधुमेह मरीजों के लिए एक उत्कृष्ट भोजन है. इस दाल का सेवन करने से दिल संबंधी समस्याओं से भी बचाव होता है.
नोट- मधुमेह मरीजों को 55 जीआई यानी ग्लाइसेमिक इंडेक्स से कम वाले खाद्य पदार्थ खाने चाहिए. इन सभी दालों में ग्लाइसेमिक इंडेक्स बहुत कम होता है.