अगर पैरों में दिख रहे हैं ऐसे लक्षण तो सावधान, हो सकती है डायबिटीज
उन लोगों के लिए जो मधुमेह (Diabetes) से पीड़ित रहे हैं,” चेन्नई के डाक्टर मोहन डायबिटीज स्पेशलिटीज सेंटर के चेयरमैन डाक्टर वी मोहन ने कहा, “नसों को हानि पहुंचना कभी पता नहीं चलता है. यदि आपको अपने पैर की उंगलियों, पैरों या पिंडलियों में किसी भी तरह का परिवर्तन (दर्द, झुनझुनाहट, जलन, सुन्न होना आदि) महसूस हो तो अपने चिकित्सक से राय लें.
पैरों में घाव तो हो जाएं सावधान
डायबिटीज (Diabetes) की वजह से पैरों में खून का दौरा कम होना और नसों को हानि पहुंचना (डायबिटिक न्यूरोपैथी) मधुमेह (Diabetes) की सबसे आम समस्याओं में से हैं. अध्ययनों से पता चला है कि मधुमेह (Diabetes) से जुड़े पैर या टांगों के लगभग 85 फीसदी मामलों में पैरों में घाव से आरंभ होती है.
ब्लड शुगर को नियंत्रित रखना जरुरी
डॉ। मोहन ने मधुमेह से बचाव के लिए कुछ जरूरी सुझाव भी दिए हैं, जैसे कि ब्लड शुगर (Blood sugar) को नियंत्रित रखना, प्रत्येक दिन पैरों को धोना और उन्हें अच्छी तरह से सुखाना. उन्होंने पैर की उंगलियों में “फंगल इंफेक्शन” की जांच करने और “मक्के, खुरदरे त्वचा या नाखून के अंदर जाने” के लिए किसी जानकार से राय लेने पर भी बल दिया. उन्होंने बोला कि रोगियों को “इन समस्याओं का स्वयं उपचार करने की प्रयास नहीं करनी चाहिए.
लगभग 15 फीसदी मधुमेह (Diabetes) मरीजों को पैरों की परेशानी का सामना करना पड़ता है, जिनमें से कई गंभीर जटिलताओं से जूझते हैं. हिंदुस्तान में हर वर्ष लगभग 40,000 पैर काटे जाते हैं.
नियमित व्यायाम और योग करने की भी राय
डॉ। मोहन ने मधुमेह मरीजों को पैरों को अत्यधिक तापमान से बचाने और नंगे पैर चलने से बचने की राय दी. उन्होंने बोला कि “जूते के साथ मोज़े पहनें, क्योंकि चमड़े, प्लास्टिक और मानव निर्मित जूते के पदार्थ त्वचा में जलन पैदा कर सकते हैं और संक्रमण का कारण बन सकते हैं.” उन्होंने रक्त संचार को बढ़ाने के लिए पैरों पर नियमित व्यायाम जैसे तैराकी, साइकिल चलाना और योग करने की भी राय दी.