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फीमेल स्टार्स के लिए इंडस्ट्री में हो चुके है कई बदलाव

समाज में बराबरी का दर्जा पाने के लिए स्त्रियों की लड़ाई जारी है सिनेमा भी समाज का एक हिस्सा है और यहां भी स्त्रियों के प्रति भेदभावपूर्ण रवैया देखने को मिलता है असमान वेतन, फिल्मों में नायिका की किरदार आदि को लेकर अक्सर प्रश्न उठते रहते हैं असमानता को लेकर आवाज उठाना कोई नयी बात नहीं है ऐसा प्रारम्भ से ही देखा जा रहा है कुछ सीमित संसाधनों और कुछ भेदभाव के कारण सिनेमा की दुनिया में अभिनेत्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा है हालाँकि, इसके बावजूद उन्होंने स्वयं को साबित किया है और समय के साथ परिवर्तन लाने में अहम भागीदार बनी हैं कई कद्दावर अभिनेत्रियों ने इस बारे में खुलकर बात की है कि उनके समय में सेट पर कितने मुश्किल हालात हुआ करते थे वॉशरूम की कमी, स्त्री मेकअप आर्टिस्ट की कमी… ऐसी कई चीजें थीं, जिससे उन्हें जूझना पड़ा आइये जानते हैंरेणुका शहाणे
हाल ही में अदाकारा रेणुका शहाणे ने बोला था कि वह फिल्म ‘हम आपके हैं कौन’ के सेट पर पानी नहीं पीती थीं इसकी वजह यह थी कि वहां वॉशरूम की सुविधा नहीं थी इस वजह से वह पानी तभी पीती थीं जब वह शूटिंग समाप्त करने के लिए होटल जाती थीं लेकिन, इसके बाद माधुरी दीक्षित ने उन्हें राय दी कि ‘हम चार स्त्रियों को साथ लेकर किसी तरह काम चला लेंगे, लेकिन पानी पीना महत्वपूर्ण है, नहीं तो त्वचा संबंधी समस्याएं हो सकती हैं’ रेणुका शहाणे ने माधुरी दीक्षित की राय ली और स्वयं को हाइड्रेटेड रखा लेकिन, इस कहानी के जरिए उन्होंने यह भी साफ कर दिया कि उस जमाने में प्रसिद्ध अभिनेत्रियों को भी ऐसी समस्याओं का सामना करना पड़ता थाजया बच्चन
अभिनेत्री जया बच्चन ने भी एक बार अपनी पोती नव्या नवेली नंदा के पॉडकास्ट में खराब शूटिंग स्थितियों का सामना करने के बारे में बात की थी उन्होंने बोला था कि वैनिटी वैन न होने से काफी दिक्कतें होती थीं अदाकारा ने कहा था, ‘जब हम बाहर काम करते थे तो हमारे पास वैन नहीं होती थी हमें झाड़ियों के पीछे कपड़े बदलने पड़े’ जब नव्या ने पूछा, ‘सेनेटरी पैड?’ जया का उत्तर था, ‘सबकुछ तब पूरा शौचालय नहीं थे यह अजीब और शर्मनाक था हमें ट्रेनों के पीछे कपड़े बदलने पड़े आपने 3-4 सैनिटरी पैड का इस्तेमाल किया और पैड को फेंकने के लिए प्लास्टिक बैग में रख दिया उसके बाद, वे उन्हें घर पर फेंकने में सक्षम थे

मनीषा कोइराला
हाल ही में अपने जन्मदिन के मौके पर मनीषा कोइराला ने मुम्बई फिल्म इंडस्ट्री की प्रशंसा करते हुए बोला था कि इस इंडस्ट्री का दिल सोने का है, जो बाहर से आए लोगों का खुली बांहों से स्वागत करती है जब उनसे पूछा गया कि पहले की तुलना में क्या परिवर्तन आया है? क्या अब सेट पर अधिक स्त्री अभिनेत्रियाँ हैं? इस पर उन्होंने स्वयं से जुड़ा एक किस्सा शेयर किया और कहा कि फिल्म ‘मन’ की शूटिंग के दौरान हेयरड्रेसर को छोड़कर सभी मेकअप आर्टिस्ट पुरुष थे लेकिन, जब उन्होंने इस पर विरोध जताई और बोला कि वह सहज नहीं हैं तो उनकी बात मान ली गई मनीषा के मुताबिक, ‘मैंने एक स्त्री मेकअप आर्टिस्ट की मांग की मैं आभारी हूं कि बाद में नियम बदल गये समानता धीरे-धीरे आई है, लेकिन मैं अब भी कहूंगी कि उद्योग में ताकतवर पदों पर अधिक महिलाएं होनी चाहिए

श्री देवी
इस मुद्दे में दिवंगत अदाकारा श्रीदेवी ने भी खामोशी तोड़ी है उन्होंने कहा कि वैनिटी वैन न होने की वजह से झाड़ियों के पीछे कपड़े बदलने पड़ते थे दिवंगत अदाकारा ने एक साक्षात्कार में कहा था कि पहले के समय में जब वैनिटी वैन जैसी कोई चीज नहीं होती थी तो उन्हें विवशता में कपड़े बदलने के लिए झाड़ियों के पीछे जाना पड़ता था उस समय तो ये भी नहीं पता था कि किसी ने उन्हें कपड़े बदलते देखा भी था या नहीं

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